नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (वार्ता) बिना अस्पताल गये मरीजों को घर बैठे चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए शुरू की गयी राष्ट्रीय टेलीमेडिसीन सेवा ई-संजीवनी के जरिये अब तक छह लाख टेली परामर्श दिये जा चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को यह बताया कि मंत्रालय द्वारा संचालित ‘ई -संजीवनी’ पर अंतिम एक लाख टेली परामर्श सेवाएं देने का काम केवल 15 दिन में पूरा किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि कोविड के समय में ई-संजीवनी डिजिटल प्लेटफॉर्म ने स्वास्थ्य देखभाल करने वालों और चिकित्सक समुदाय के लिए अपनी उपयोगिता और आसान पहुंच को साबित किया है। तमिलनाडु, केरल और गुजरात जैसे राज्य सप्ताह के सातों दिन 12 घंटे ई-संजीवनी ओपीडी सेवा चला रहे हैं। यह इस बात का सबूत है कि धीरे-धीरे ई-संजीवनी मरीजों और डॉक्टरों के बीच किस तरह से लोकप्रिय होती जा रही है।
ई-संजीवनी सेवा देश के 27 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में सभी के लिए सुलभ कराई गई है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 6,000 से अधिक डॉक्टरों के माध्यम से ई-स्वास्थ्य परामर्श सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इसके जरिए 217 ऑनलाइन ओपीडी को मरीजों और डॉक्टरों के साथ जोड़ा गया है। ई- संजीवनी के माध्यम से राज्य अपने यहां छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ा रहे हैं। ई-संजीवनी सेवा इन राज्यों के लगभग 4,000 स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों से संचालित की जा रही है , जो जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में बनाए गए 175 केन्द्रों से जुड़ी हैं। ई-संजीवनी की दो तरह की सेवाओं से 20,000 से अधिक चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों को जोड़ा गया है। वर्तमान समय में ई-संजीवनी के जरिए प्रतिदिन 8,500 से अधिक टेली परामर्श सेवाएं दी जा रही हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 13 अप्रैल, 2020 को पहले लॉकडाउन के दौरान ई-संजीवनी ओपीडी सेवा ऐसा समय में शुरू की गई थी जब देश भर के अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद कर दी गई थी। मंत्रालय ने ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा नवंबर 2019 में शुरू की थी। यह सेवा दिसंबर 2022 तक ‘हब एंड स्पोक मॉडल’ के रूप में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत 1,55,000 स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस समय यह सेवा आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग 4,000 स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों पर उपलब्ध कराई जा रही है। अन्य स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों में भी इसे शुरू करने का काम जारी है।
शीर्ष 10 राज्य जिन्होंने ई-संजीवनी और ई-संजीवनी ओपीडी प्लेटफॉर्म के माध्यम से सबसे अधिक टेली परामर्श सेवाएं दिये हैं उनमें तमिलनाडु (2,03,286), उत्तर प्रदेश (1,68,553), केरल (48,081), हिमाचल प्रदेश (41,807), आंध्र प्रदेश (31,749), मध्य प्रदेश (21,580), उत्तराखंड (21,451), गुजरात (16,346), कर्नाटक (13,703), और महाराष्ट्र (8,747) शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ई-संजीवनी को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र और मानव संसाधन तथा बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों के पूरक की भूमिका में है। मंत्रालय विकास कार्यान्वयन, संचालन और स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण सहित तकनीकी सहायता सेवाओं के लिए सेंटर ऑफ डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग (सीडीएसी) की मोहाली शाखा की मदद ले रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए ई-संजीवनी की उपयोगिता और सुगमता को ध्यान में रखते हुए राज्य वृद्धाश्रमों और जेलों में ई-संजीवनी ओपीडी सेवा शुरू करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
अर्चना जितेन्द्र
वार्ता