नयी दिल्ली 25 जनवरी (वार्ता) कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना में सितंबर 2017 और नवंबर 2021 के बीच कम से कम 4.88 करोड़ नए कर्मियों के शामिल होने से देश में औपचारिक क्षेत्र के रोजगार के स्तर में बढ़ोतरी हुई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुसार, ईपीएफ योजना से सितंबर 2017 और नवंबर 2021 के बीच कम से कम 4.88 करोड़ नये कर्मी जुड़े हैं। साथ ही इसी अवधि के दौरान 5.93 करोड़ नए कर्मी कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना में शामिल हुए। एनएसओ ने कहा कि उसके द्वारा जारी किए गए आंकड़े औपचारिक क्षेत्र में रोजगार के स्तर पर अलग-अलग दृष्टिकोण उपलब्ध कराते हैं लेकिन समग्र स्तर पर रोजगार को मापते नहीं हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2017 से नवंबर 2021 के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों की राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) और कॉर्पोरेट योजनाओं में 30.88 लाख नए कर्मी शामिल हुए और योगदान दिया।
ईपीएफ कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत एक अनिवार्य बचत योजना है। वहीं, ईएसआई एक एकीकृत सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो संगठित क्षेत्र के श्रमिकों और उनके आश्रितों को बीमारी, मातृत्व जैसी आकस्मिकताओं और व्यावसायिक खतरे के कारण मृत्यु या अक्षमता में सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयार की गई है।
ईपीएफ का प्रबंधन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा किया जाता है। इसमें प्रत्येक प्रतिष्ठान को शामिल किया गया है, जिसमें 20 या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं (और कुछ अन्य प्रतिष्ठान जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया जा सकता है, भले ही वे 20 से कम कार्यरत हों), अधिनियम में प्रदान की गई कुछ शर्तों और छूटों के अधीन।
कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) अधिनियम, 1948 गैर-मौसमी, 10 या अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाले विनिर्माण प्रतिष्ठानों पर लागू होता है। स्वास्थ्य और चिकित्सा संस्थानों के लिए यह सीमा 20 या अधिक श्रमिकों की है।
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