राज्य » अन्य राज्यPosted at: Apr 23 2019 8:29PM उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता चिंता का विषय, सतत सुधारों की जरूरत: वेंकैयाचेन्नई, 23 अप्रैल (वार्ता) उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने देश के विकास के लिए उच्चतर शिक्षा को अनिवार्य बताते हुए मंगलवार को कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता अब भी एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है जिसमें निरंतर सुधारों की जरूरत है।श्री नायडू ने वेल्स विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं उच्चतर शिक्षा संस्थान के नौवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है और इसके तहत देश को छह से 14 वर्ष के हर बच्चे को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना लाजिमी है लेकिन भारतीय नागरिक के मूल कर्त्तव्यों में निहित वैज्ञानिक सोच, मानवतावाद और अनुसंधान एवं सुधार की भावना विकसित करने के लिए उच्चतर शिक्षा की भी उतनी ही जरूरत है। ऐसे में देश की प्रगति के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अनिवार्य है। श्री नायडू ने कहा कि आजादी के बाद से देश में विभिन्न कार्यक्रमों के तहत 850 विश्वविद्यालयों और 40 हजार से अधिक महाविद्यालयों के साथ उच्चतर शिक्षा की स्थिति में उत्साहजनक सुधार हुआ है। उन्होंने कहा,“भले ही हम उच्चतर शिक्षा संस्थानों की संख्या बढ़ा रहे हैं लेकिन उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता अब भी चिंता का विषय बनी हुई है। कई अध्ययनों और सर्वेक्षणों में भारतीय स्नातकों के शिक्षण परिणामों और रोजगार लेने की क्षमता पर सवाल खड़े किये गये हैं। हमें इन मुद्दों का समाधान निकालना चाहिए और शिक्षा प्रणाली में निरंतर सुधार करते रहना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उच्चतर शिक्षा संस्थान उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करायें। संस्थान से उत्तीर्ण होकर निकल रहे छात्रों से अपने ज्ञान काे अद्यतन बनाने को प्रेरित करते हुए श्री नायडू ने कहा कि वर्तमान समय में यह बहुत जरूरी है क्योंकि हम ऐसे समय में रह रहे हैं जहां हर तकनीक अस्थायी है। उन्होंने कहा, “आप बेहद रोमांचक समय में अपने कैरियर की शुरुआत कर रहे हैं। आप तेजी से बढ़ रहे ज्ञान के रथ पर सवार हैं। वैश्विक अवसरों का नया क्षितिज एक माउस के क्लिक पर आपके लिए खुल जाता है। आपको वैश्विक रोजगार बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए अपने ज्ञान और कौशल को अद्यतन बनाते रहने की जरूरत है।” यामिनी.श्रवण वार्ता