नयी दिल्ली, 06 जुलाई (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड में गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों द्वारा लॉकडाउन के दौरान फीस की मांग न करने और संबंधित निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ने के उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से सोमवार को इनकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की खंडपीठ ने स्कूलों के संघ की याचिका में दखल देने से मना कर दिया। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को सलाह दी कि वे राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दे, क्योंकि उच्च न्यायालय ने इस मामले को राज्य सरकार पर छोड़ दिया था और बाद में उसने एक आदेश भी जारी किया था।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूल लॉकडाउन के दौरान फीस की मांग नहीं कर सकते, इसके साथ ही उसने इस बारे में निर्णय लेने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर छोड़ दी थी।
याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि जब तक स्कूल ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, तब तक फीस वसूलने का अधिकार है। उनका कहना था कि ऑनलाइन क्लासेज में शत-प्रतिशत उपस्थिति है, लेकिन 10 प्रतिशत से कम फीस वसली जा सकी है। स्कूलों ने ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था में शामिल आकस्मिक खर्चों का उल्लेख भी किया था।
सुरेश.संजय
वार्ता