राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: May 25 2020 3:05PM उत्तर प्रदेश ईद गोरखपुर दो अन्तिम गोरखपुरकथाकार मुंशी प्रेमचन्द अपने सुप्रसिद्ध कहानी के ईदगाह में सुनसानी रही। ईदगाह में केवल पांच नमाजियों ने नमाज अदा की और अमन चैन के लिये दुआ मांगी। मुंशी प्रेमचन्द की कालजयी रचना “ईदगाह” आज भी सबके जेहन में है। कम ही लोगों को पता है कि वह कहानी मुंशी जी ने गोरखपुर में अपने निवास स्थान के दौरान लिखी थी। वह ईदगाह कोई और नहीं बल्कि मुबारक खां शहीद की मजार के सामने वाली ईदगाह है जो मुंशी के आवास के के पिछले हिस्से में आज भी मौजूद है। आमतौर पर ईद पर यहां मेला लगता था और ऐसे ही एक मेंले में उन्हें हामिद जैसा पात्र मिला था पर इस बार कोरोना की वजह से इस ईदगाह में न कोई मेला लगा और न ही आज कोई हामिद आया । इस बार ईद पर यहां केवल वह पांच लोग नजर आये जिन्होंने नमाज अदा करने की रस्म अदायगी करनी थी । कोरोना काल में इस बार की ईद कई मायनें में अलग रही। गोरखपुर शहर में कई ईदगाह है। ईद का भव्य मेला ईदगाह मुबारक खां शहीद में ही लगता है। हामिद जैसे तमाम लोग अपनी खुशी तलाशत यहां आते हैं और इस बार मेले को कोरोना की नजर लग गयी है। लोगों की उम्मीद है कि अगली बार ईद की रौनक से ईदगाह गुलजार होगा। इसके पहले कल चांदरात में अधिकतर बाजार विरान रहे और लोग खरीदारी के लिए अपने घरों से निकले ही नहीं जिससे व्यापारियों को करोडों रूप्ये का नुकसान हुआ है।उदय भंडारीवार्ता