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उपभोक्ताओं का फैसला सुनाने वालों के 38 फीसदी पद रिक्त

देहरादून 27 फरवरी (वार्ता) उत्तराखंड मेें उपभोक्ता मामलों का फैसला करने वाले अधिकारियों के 38 प्रतिशत पद रिक्त हैैं।
पदों के रिक्त होने से राज्य की सबसे बड़ी अदालत और राज्य के सभी 13 जिला फोरमोें की अपील सुुनने वाले उपभोक्ता आयोेग तथा तीन जिलाें के जिला उपभोक्ता फोरमों का अदालती काम काज पूरी तरह ठप है औैर उपभोेक्ताओं को न्याय नहीं मिल पा रहा हैै। यह खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत राज्य उपभोक्ता आयोेग की ओर से उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने राज्य में उपभोक्ता फोरम व आयोग में उपभोक्ता केेसोें का फैसला करने वालेे अध्यक्ष व सदस्योें केे रिक्त पदों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में राज्य उपभोक्ता आयोेग की लोक सूचना अधिकारी/प्रशासनिक अधिकारी वन्दना शर्मा नेे अपनेे पत्रांक 66 दिनांक 22 फरवरी 2020 से सूचना उपलब्ध करायी है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार राज्य में 13 जिला उपभोक्ता फोरमों में 14 पद तथा राज्य उपभोक्ता आयोेग में दो पद रिक्त है जिसके कारण राज्य उपभोक्ता आयोेग तथा तीन जिलों में उपभोक्ता केसोें का फैसला नहीं हो पा रहा हैै।
इसकेे कारण जहां राज्य भर के जिला फोरमों के आदेशोें की राज्य उपभोक्ता आयोग में लम्बित अपीलोें पर फैसला नहीं हो पा रहा है, वही 20 लाख से एक करोड़ तक के उपभोक्ता केसोें का आयोेग में फैसला नहीं हो पा रहा हैै। इसके अतिरिक्त कोरम पूरा न होने के कारण तीन जिलो में उपभोेक्ता केसों का फैसला नहीं हो पा रहा हैै।
वर्तमान में केवल दो जिलों में ही उपभोक्ता फोरम सुचारू चल रहे है, शेष आठ जिलोें में भी सदस्य की रिक्ति केे कारण सुचारू रूप सेे उपभोक्ता फोरम नहीं चल पा रहे हैं।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार राज्य उपभोक्ता आयोेग में उपभोक्ता केेसोें और अपीलों का फैसला एक अगस्त 2019 से नहीं हो पा रहा हैै। आयोेग में 17 जुलाई 2019 से महिला सदस्य तथा एक अगस्त 2019 से पुरूष सदस्य का पद रिक्त हैै।
सं.संजय
वार्ता
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