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ऊर्जा विभाग के कार्य सराहनीय: शिवराज

भोपाल, 19 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ऊर्जा विभाग द्वारा बिजली की बचत, किसान सहित विभिन्न श्रेणी के हितग्राहियों और विद्युत उपभोक्ताओं के हित में उठाए गए कदम और नवाचारों को अपनाना सराहनीय हैं।
श्री चौहान ने आज यहां मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद ऊर्जा विभाग के प्रेजेंटेशन के दौरान ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सुधार के प्रयास निरंतर हो और गुजरात में हुए कार्य को मॉडल मानकर आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि विभाग में लाइनमेन से लेकर विभिन्न श्रेणी के अभियंताओं का दायित्व निर्धारित किया जाए। विद्युत चोरी रोकने से लेकर उपभोक्ताओं को आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाने की दिशा में इनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की योजनाओं के अध्ययन और विश्लेषण के लिए ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर द्वारा किए गए प्रयासों के लिए उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की योजनाओं का अध्ययन कर अपडेट रहने की दिशा में श्री तोमर सक्रिय रहे हैं। अन्य मंत्री भी ऐसा कर सकते हैं।
श्री चौहान ने कहा कि विद्युत देयक के बड़े बकायेदारों से बकाया राशि की नियमित वसूली की जाए। कोई रियायत न हो। राजस्व वृद्धि के लिए सख्ती से बकाया राशि की वसूली की जाए। इससे निर्धन उपभोक्ताओं के हित में योजनाओं के अमल में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग यह अध्ययन करे कि ऐसे उपभोक्ता जो आयकरदाता हैं, वे योजनाओं में सब्सिडी का कितना लाभ ले रहे हैं। बड़े बकायेदारों को अनावश्यक छूट नहीं मिले और गरीबों को आवश्यक रियायत जरूर प्राप्त होती रहे।
बैठक में जानकारी दी गई कि विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा राजस्व वृद्धि के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही वाणिज्यिक नुकसान कम करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में करीब 25 लाख स्मार्ट मीटर लगाना प्रस्तावित हैं। प्रेजेंटेशन में बताया गया कि बकायादारों से माह दिसंबर-2019 में कुल 1723 करोड़ वसूल किए गए थे। वर्ष 2020 के दिसंबर माह में यह वसूली 1948 करोड़ हुई है, जो 225 करोड़ रूपये अधिक है।
श्री चौहान ने कहा कि भविष्य की ऊर्जा सौर ऊर्जा है। इस दिशा में तेजी से प्रयास बढ़ाए जाएं। प्रेजेंटेशन में कुसुम योजना के प्रावधानों की भी जानकारी दी गई। इस योजना में किसानों को संपूर्ण कृषि फीडर से संबद्ध कर नि:शुल्क बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी। किसान को न सिर्फ फ्री बिजली मिलेगी बल्कि विद्युत उत्पादन के लिए राशि के भुगतान की व्यवस्था भी रहेगी। योजना में 80 प्रतिशत राशि भारत सरकार द्वारा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कुसुम-1 और कुसुम-3 योजनाओं के प्रावधानों की जानकारी प्राप्त की। बैठक में इनके क्रियान्वयन पर भी चर्चा हुई।
प्रेजेंटेशन में बताया कि गया कि प्रदेश में विद्युत उत्पादन की लागत में बचत के प्रयास, उपभोक्ता संवाद कार्यक्रम, सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के निराकरण, पारेषण हानि कम करने के प्रयास किए गए हैं। कोयले की कीमत पर 85 करोड़ रुपये की बचत हुई है। बचत के अन्य उपाय भी अपनाए जा रहे हैं। डीबीटी स्कीम, कोल इंडिया के साथ संयंत्र स्थापना और उत्पादन क्षमता के अधिकतम उपयोग के प्रयास भी किए जा रहे हैं। प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने प्रेजेंटेशन दिया।
बघेल
वार्ता
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