भारतPosted at: Sep 18 2018 6:45PM एचएएल कांग्रेस के समय ही राफेल सौदे से बाहर हो गयी थी: सीतारमण
नयी दिल्ली 18 सितम्बर (वार्ता) रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को राफेल सौदे से बाहर करने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए आज पलटवार किया कि एचएएल तो कांग्रेस सरकार के समय ही इस सौदे से बाहर हो गयी थी।
वायु सेना की जरूरत को नजरअंदाज कर 126 की जगह केवल 36 विमान खरीदने के आरोपों पर भी उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार जो सौदा कर रही थी उसमें तो वायु सेना को केवल 18 विमान उडने की हालत में तैयार मिल रहे थे और उनकी आपूर्ति में भी लगभग इतना ही समय लगना था जितना 36 विमानों की आपूर्ति में लगने वाला है।
श्रीमती सीतारमण ने मंगलवार को महिला प्रेस क्लब में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि विमान बेचने वाली विदेशी कंपनी भारत की सरकारी या निजी कंपनी किसी के साथ भी समझौता कर सकती है, यह नियम कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने ही बनाया था। क्या अब कांग्रेस कह रही है कि यह नियम गलत है। इस नियम के तहत ही एचएएल और राफेल विमान बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट एविएशन के बीच बातचीत हुई थी लेकिन उनके बीच उत्पादन शर्तों को लेकर समझौता नहीं हो पाया और एचएएल सौदे से बाहर हो गयी। इसलिए एचएएल को सौदे से बाहर रखने का आरोप मोदी सरकार पर लगाना गलत है। उस समय कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को एचएएल के हितों की रक्षा करनी चाहिए थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
विमानों की संख्या से जुडे सवालों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जिस सौदे पर बात की थी उसमें वायु सेना को केवल 18 विमान उडने की हालत में मिलते और उनकी आपूर्ति में भी 4 से 5 साल का समय लगना था। मोदी सरकार ने जो सौदा किया है उसमें 36 विमान उडने की हालत में मिलेंगे और ये विमान अगले साल सितम्बर से आने शुरू हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि लड़ाकू विमानों के स्क्वैड्रन की संख्या कांग्रेस के समय में ही 42 से घटकर 33 पहुंच गयी थी। उस समय सरकार ने यह संख्या बढाने के लिए कदम क्यों नहीं उठाये।
संजीव सत्या
जारी वार्ता