बिजनेसPosted at: Jan 22 2020 7:42PM एनएसई बना विश्व का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंजमुंबई 22जनवरी (वार्ता) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) कांट्रैक्ट की संख्या के लिहाज़ से सीएमई समूह को 2019 में पीछे छोड़कर विश्व की सबसे बड़ा डेरिवेटिव (वायदा) एक्सचेंज बन गई है। वायदा कारोबार से जुड़ी एक संस्था फ्यूचर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एफआईए) द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर एनएसई को यह उपलब्धि मिली है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ़ एक्सचेंज (डब्ल्यूईएफ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नकदी इक्विटी के कारोबार की संख्या के लिहाज़ से भी एनएसई वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है। एनएसई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी विक्रम लिमये ने कहा कि यह हम सबके लिए और हमारे देश के लिए सचमुच गौरव का क्षण है कि एनएसई वैश्विक स्तर पर अग्रणी एक्सचेंज बनकर उभरी है और इसने सबसे बड़े वायदा एक्सचेंज और नकदी इक्विटी कारोबार के लिहाज़ से तीसरे सबसे बड़े एक्सचेंज होने का गौरव हासिल किया है। हम सरकार, नियामकों और अपने सम्बद्ध पक्षों से मिल रहे सहयोग के आभारी हैं। हमारी उपलब्धियां सरकार और नियामक की सहयोगी नीतियों, आधुनिकतम प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचा, मज़बूत जोखिम प्रबंधन ढांचा, व्यापक विश्वसनीयता और वैश्विक एवं घरेलू निवेशकों की भागीदारी की बदौलत संभव हुईं।उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि और 2024 -25 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य हासिल करने के लिए बाजार का विकास महत्वपूर्ण है। मज़बूत पूँजी बाज़ार न सिर्फ वृद्धि की संभावना के लिए बल्कि हमारे युवाओं के लिए रोज़गार पैदा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। शेखरवार्ता