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ऐतिहासिक विधेयकों को पारित कराकर संसद का सत्र संपन्न

ऐतिहासिक विधेयकों को पारित कराकर संसद का सत्र संपन्न

नयी दिल्ली, 07अगस्त (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के ऐतिहासिक संकल्प,राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने संबंधी विधेयक तथा तीन तलाक जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों और बजट को पारित कराने के साथ ही संसद का सत्र बुधवार को संपन्न हो गया।

संसद के दोनों सदनों में इस बार रिकॉर्ड कामकाज हुआ और अपेक्षाकृत कम हंगामा हुआ तथा अधिक विधेयक पारित कराये गये।

राज्यसभा के 249वें सत्र की कार्यवाही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गयी जबकि 17 वीं लोकसभा के पहले सत्र की कार्यवाही कल ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गयी थी। राज्यसभा के 20 जून से शुरू हुए इस सत्र में 35 बैठकें जिनमें 32 विधेयक पारित किये गये। लोकसभा का सत्र 17 जून से शुरू हुआ था और 37 बैठकों में 36 विधेयक पारित किये गये।

इस सत्र के दौरान लोकसभा के नये सदस्यों को शपथ दिलायी गयी तथा अध्यक्ष ओम बिरला का निर्वाचन हुआ। इस सत्र में राष्ट्रीय मेडिकल काउंसिल विधेयक, सूचना के अधिकार में संशोधन विधेयक तथा व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने वाला गैरकानूनी गतिविधि संशोधन विधेयक के अलावा श्रम सुधार से संबंधित विधेयक भी पारित कराये गये। इस सत्र में ‌वर्ष 2019-20 का बजट और वित्त विधेयक एवं विनियोग विधेयक भी पारित हुए।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए सदस्यों काे पूर्व विदेश मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता श्रीमती सुषमा स्वराज के निधन की जानकारी दी और उनके सार्वजनिक जीवन में याेगदान का उल्लेख करते हुए शोक संदेश पढ़ा। इसके बाद सदस्यों ने दो मिनट को मौन धारण करके दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी।

बाद में विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे गये और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या को बढ़ाने से संबंधित एक विधेयक बिना चर्चा के सदन में पारित किया गया।

श्री नायडू ने सत्र के दौरान हुए कामकाज का ब्योरा देते हुए कहा कि यह सत्र पूरी तरह सफल रहा और इसमें सुचारू ढंग से कामकाज हुआ। सत्र के दौरान कुल 35 बैठक हुई। इस दौरान 32 विधेयक पारित किये गये और 39 विषयों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि यह पिछले 17 वर्ष में सबसे बेहतरीन सत्र रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने परस्पर सहयोग से काम किया जिससे देश में सामाजिक और आर्थिक सुधार तथा विकास से संबंधित कामकाज हुआ।

संसद के सत्र की शुरुआत 17 जून को नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथग्रहण से हुई और 19 जून को अध्यक्ष का चुनाव हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 20 जून को दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया।

संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि चूँकि सदन का 99 प्रतिशत कामकाज पूरा हो चुका है इसलिए कार्यवाही आज ही अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी जाये।

इस सत्र के दौरान कुल 37 बैठकें हुई और 2019-20 का आम बजट तथा कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये गये। सदन ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का ऐतिहासिक संकल्प पारित किया। ऐतिहासिक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 भी सदन में अंतिम कार्यदिवस पर पारित किया गया। सत्र के दौरान बहुचर्चित तीन तलाक विधेयक, मोटर वाहन संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय आयुविज्ञान आयोग विधेयक, बाँध सुरक्षा विधेयक, उभयलिंगी अधिकार विधेयक, सरोगेसी विनियमन विधेयक, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र बनाने संबंधी विधेयक तथा कुछ अन्य विधेयकों को भी सदन की मंजूरी मिली।

अरविन्द आजाद आशा

वार्ता

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