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ओट क्लीनिक्स से ‘टेक होम डोज़’ सर्विस शुरु करने की तैयारी

चंडीगढ़, 20 सितम्बर(वार्ता)पंजाब सरकार ओ.ओ.ए.टी. (आऊटपेशैंट ओपियाड असिस्टड ट्रीटमेंट) क्लीनिकों और सरकारी नशा मुक्ति केन्द्रों में इलाज प्रणाली में सुधार लाने के लिए ‘टेक होम डोज़’ सर्विस शुरु करने जा रही है ।
यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आज यहाँ दी। उन्होंने कहा कि राज्य में पैंतीस सरकारी नशा मुक्ति केन्द्र और 181 ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिक चलाए जा रहे हैं जिनमें एक लाख से अधिक मरीज़ों का इलाज मुफ्त कराया जा रहा है। देखने में आया है कि डेढ़ साल के मुकम्मल इलाज के कोर्स के लिए कई मरीज़ों को रोज़मर्रा के इलाज के लिए ओ.ओ.ए.टी. क्लिनिकों में आना काफ़ी मुश्किल होता है। इससे नशा मुक्ति प्रोग्रामों के तहत चलाई जा रही सुविधाएं भी प्रभावित होती हैं।
उनके अनुसार रोज़मर्रा के 500 से 600 मरीज़ ओ.ओ.ए.टी.क्लीनिकों पर इलाज के लिए आते हैं और टेक होम डोज़ की व्यवस्था उपलब्ध न होने के कारण ज़्यादातर मरीज़ इलाज के लिए यहाँ आना छोड़ देते हैं। अब राज्य सरकार नशा मुक्ति प्रोग्राम के तहत बुपरीनौरफिन -नालौकसोन की सहायता से होम डोज़ सर्विस शुरू करने का फ़ैसला लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि विश्व भर में नशा छुड़ाने के लिए बुपरीनौरफिन -नालौकसोन दवा का प्रयोग बड़े स्तर पर होता है जिसको विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमानित भी किया गया है। सरकारी संस्थाओं के अलावा निजी मनोरोग चिकित्सा क्लीनिकों को भी जल्द ही टेक होम डोज़ सर्विस मुहैया करवाने की अनुमति दी जायेगी।
इस प्रक्रिया के लिए निजी मनोरोग चिकित्सा क्लीनिकों को ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिकों के सैंट्रल रजिस्ट्री ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर करवाना जरूरी होगा। निजी केन्द्रों में 1.5 लाख से अधिक मरीज़ों का इलाज किया जा रहा है और हमें आशा है कि यह नयी प्रणाली मरीज़ को नशा छोडऩे के लिए और प्रेरित करेगी और इससे सरकारी और निजी नशा- छुड़ाऊ केन्द्रों में मरीज़ों के आने की संख्या भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इलाज प्रणाली पर लगातार काम कर रही है और बड्डी प्रोग्राम के वालंटियर रोज़मर्रा की शिक्षा संस्थाओं और गाँवों में जाकर नौजवानों को नशो के बुरे प्रभावों संबंधी जागरूक कर रहे हैं।
शर्मा
वार्ता
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