भुवनेश्वर,10 जून (वार्ता) ओडिशा पुलिस ने पिछले एक वर्ष के दौरान सख्त नियमों और विनियमों का पालन करते हुए 1434 मामलों में 220 टन (2,20,000 किग्रा) जब्त गांजा (मारिजुआनाघ/भांग) और 129 मामलों में 78 किग्रा से अधिक ब्राउन शुगर/हेरोइन को नष्ट करने का रिकॉर्ड बनाया है।
ओडिशा पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने शुक्रवार को भारी मात्रा में मादक पदार्थ नष्ट किये, यह पूर्व में मादक पदार्थों के नष्ट करने के अभियान के सफल अभियानों में से एक था। पिछले साल एसटीएफ ओडिशा द्वारा अधीनस्थ अदालतों को निर्देश देने और जब्त मादक पदार्थों के प्रारंभिक प्रमाणीकरण के लिए एसओपी जारी करने के लिए दायर याचिका पर ओडिशा उच्च न्यायालय के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद यह अभियान शुरू किया गया था। फैसला 31 जनवरी, 2022 को सुनाया गया था।
एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि इस तरह का पहला ड्रग निपटान 10 जून, 2022 को किया गया था और एक साल के भीतर ओडिशा पुलिस ने 1434 मामलों में रिकॉर्ड 220 टन जब्त गांजा (मारिजुआना, भांग) और 129 मामलों में 78 किग्रा से अधिक ब्राउन शुगर, हेरोइन को नष्ट किया था।
उन्होंने कहा कि जब्त दवाओं का निपटान/विध्वंस एक जटिल कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसमें न्यायपालिका, पुलिस, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, प्रदूषण, उत्पाद शुल्क, राजस्व और केंद्र सरकार के मुख्य नियंत्रक शामिल हैं। स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) 1985 की धारा के तहत मादक पदार्थ का नष्ट किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मादक पदार्थों को नष्ट करने के लिए पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में प्रत्येक जनपद स्थापना में एक समिति का गठन किया जाता है, जिसमें आबकारी अधीक्षक, एक उपसमाहर्ता एवं एक पुलिस उपाधीक्षक औषधि निस्तारण समिति के सदस्य होते हैं।
श्रद्धा.श्रवण
वार्ता