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ओडिशा विस में विपक्ष ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कमी पर किया बहिर्गमन

भुवनेश्वर 24 मार्च (वार्ता) ओडिशा में विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी विधायकों ने शुक्रवार को ओडिशा विधानसभा से बहिर्गमन किया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में विफल रही है।
विपक्षी दलों ने यह भी आरोप लगाया कि 5टी पहल के अंतर्गत स्कूलों का कायाकल्प करने के नाम पर छात्रों के भविष्य को अंधेरे में धकेला जा रहा है।
कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल होते हुए विपक्षी विधायकों ने कहा कि राज्य में शिक्षक-छात्र का अनुपात बहुत कम है और पढ़ाई के लिए कक्षाओं की आवश्यक संख्या में भी भारी कमी है।
विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन मांझी ने कहा कि कई स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक और कक्षा उपलब्ध नहीं हैं। राज्य में स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की दर 27.30 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 12.3 प्रतिशत है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने कहा कि अच्छे शिक्षक सरकारी स्कूल में इसलिए शामिल नहीं होते हैं क्योंकि वहां वेतन कम है।
कांग्रेस के संतोष सिंह सलूजा ने कहा कि स्कूल कायाकल्प लागू करने के बाद स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की दर में बढ़ोत्तरी हुई है। भाजपा के मुकेश महालिंग ने भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की।
बहस का जवाब देते हुए स्कूल और जन शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने कहा कि स्कूल कायाकल्प कार्यक्रम लागू होने के बाद, केंद्र सरकार के प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट में ओडिशा देश के शीर्ष दस राज्यों की सूची में शामिल है।
श्री दास ने कहा कि सीबीएसई की दसवीं कक्षा की परीक्षा में 95.71 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए हैं, जिनमें से 1,052 छा6 ने लगभग 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। स्कूलों में कायाकल्प लागू होने के बाद, 2019-20 की तुलना में 2021-22 में निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या में लगभग दो लाख की गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि 2023-24 सत्र में 1,045 करोड़ रुपये के व्यय से 51,535 शिक्षकों की भर्ती करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों का कायाकल्प करने के लिए छह टास्क फोर्स का गठन किया है और टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर ही कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि सरकार की योजना शैक्षणिक सत्र 2023-24 से ओडिशा के सभी माध्यमिक स्कूलों में स्कूल क्लब शुरू करने की है। उन्होंने कहा कि ये क्लब राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए आकांक्षी पाठ्यक्रम में सहायक बनेंगे और छात्रों को व्यक्तिगत शिक्षा का अनुभव प्राप्त करने में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि क्लब प्रणाली की शुरुआत छात्रों को कक्षा से आगे बढ़कर अपने हितों और शौक को पूरा करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगी।
हालांकि विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने मंत्री के जवाब पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सदन से वॉकआउट किया।
अभय.संजय
वार्ता
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