बिजनेसPosted at: Sep 25 2020 8:38PM ओपन सेल पैनल पर एक अक्टूबर से आयात शुल्क, टीवी निर्माण उद्योग हो सकता है प्रभावित
महिमा त्रिपाठी से
नयी दिल्ली, 25 सितंबर (वार्ता) विनिर्माताओं का कहना है कि टेलीविजन निर्माण में महत्वपूर्ण उपकरण ओपन सेल पैनलों के आयात पर दी जा रही छूट एक अक्टूबर से समाप्त की जा रही है जिससे टेलीविजन विनिर्माण प्रभावित होगा।
एक अक्टूबर से ओपन सेल पर पांच प्रतिशत सीमा शुल्क लगेगा। टेलीविजन निर्माण की लागत में इसकी हिस्सेदारी 65-70 फीसदी तक होती है। इस उपकरण पर सीमा शुल्क पर एक वर्ष के लिए छूट दी गयी थी जो 30 सितंबर को समाप्त हो रही है।
इसके साथ ही सरकार ओपन सेल जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों के देश में विनिर्माण को बढ़ावा देकर भारतीय टेलीविजन विनिर्माताओं की विदेशी आपूर्तिकताओं पर निर्भरता कम करना चाहती है। टेलीविजन विनिर्माण के इस महत्वपूर्ण उपकरण पर पिछले वर्ष चरणबद्ध विनिर्माण प्लान (पीएमपी) के तहत सीमा शुल्क से छूट दी गयी थी। पीएमपी के पहले चरण में इस उत्पाद की असेंबलिंग भारत में की जायेगी। इस चरण में उत्पाद को शून्य या सबसे कम स्तर पर रखा गया था ताकि इसकी कीमतें कम बनी रहें और इससे इसका आयात कम सीमा शुल्क पर किया जा सकेगा और देश में इसकी असेंबलिंग हो सकेगी।
यह चरण हालांकि अधिक समय तक नहीं चल सकता है। इसके बावजूद यह उद्योग चाहता है कि यह छूट अभी जारी रहनी चाहिए क्योंकि सरकार की योजना इस उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की है।
पीएमपी के दूसरे चरण में कुछ उपकरणों का विनिर्माण देश में किया जाना है और इस तरह के उत्पादों पर सीमा शुल्क लगाया जाना है ताकि घरेलू निर्मित उत्पादोें को बढ़ावा दिया जा सके। यह चरणबद्ध विनिर्माण रणनीति अधिकांश इलेक्ट्रानिक उत्पादों के लिए लागू की जानी है। उदाहरण के लिए मोबाइल फोन विनिर्माण के लिए इसको चार चरण में लागू किया जायेगा।
सरकार ने पहले भी टेलीविजन उद्योग को सीमा शुल्क के माध्यम से मदद की है। दिसंबर 2017 में टेलीविजन के आयात पर सीमा शुल्क 20 फीसदी कर दिया गया था जिससे सभी घरेलू विनिर्माताओं को मदद मिली थी। सरकार ने टेलीविजन आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा है जो जुलाई 2020 के अंत से प्रभावी हो चुका है।
टेलीविजन उद्योग के अनुसार ओपन सेल पर सीमा शुल्क लगाये जाने से टीवी की कीमतों में और बढोतरी होगी तथा इससे विनिर्माताओं के लिए विक्रय कर पाना मुश्कित हो जायेगा। पिछले कुछ वर्षाें में पूरी तरह से निर्मित पैनल की कीमतों में 50 फीसदी की बढोतरी हुयी और ओपन सेल पर पांच प्रतिशत सीमा शुल्क लगाये जाने से टीवी की कीमतों में करीब 4 फीसद की बढोतरी होगी।
बाक्स टीवी के नाम से नया ब्रांड लाँच करने की तैयारी कर रही कंपनी सुखिया प्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड के मालिक धीरज अरोड़ा ने कहा कि सीमा शुल्क लगाये जाने से छोटे विनिर्माओं पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा क्याेंकि उनके पास ओपन सेल का सीमित भंडारण है।
इस मामले के जानकार एवं उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सरकार की यह पहल स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना अच्छी पहल है लेकिन इससे हो सकता है स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा नहीं मिले और इस उद्योग में जारी विनिर्माण को भी झटका लग जाय। यदि सीमा शुल्क लगाया जाता है तो विनिर्माता सितंबर के बाद इस छूट का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं दे पाये जिससे त्योहारी सीजन से पहले ही टीवी की कीमतों में में बढोतरी हो जाये।
वर्तमान में देश में एक भी ओपन सेल विनिर्माण की सुविधा नहीं है और इस स्थिति में किसी तरह का प्रतिबंध या कीमतों में बढोतरी होने से भारत में विनिर्माताओं के लिए ओपन सेल का आयात करना मुश्किल हो जायेगा। यदि ओपन सेल का आयात नहीं किया जायेगा तब टेलीविजन विनिर्माण से जुड़ी गतिविधियों , विनिर्माण और असेंबलिंग कम हो जायेगी। कई कंपनियां इसमें निवेश करना चाह रही है लेकिन वे अपनी योजनाओं में बदलाव ला सकते हैं यदि कोई कार्रवाई या निश्चित योजना नहीं लागू की गयी।
प्लास्टिक दाने की आपूर्ति करने वाली कंपनी सुखिया प्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अशोक अग्रवाल ने कहा कि टीवी विनिर्माण के लिए महत्वपूर्ण ओपन सेल पैनल के आयात पर सीमा शुल्क में छूट को समाप्त करने से टीवी विनिर्माण और इससे जुड़े उद्योग पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
उन्होंने सरकार की पहल की सराहना की लेकिन उनका कहना था कि इस छूट को कम से कम एक वर्ष के लिए बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि कोरोना के कारण हुये नुकसान की भरपाई के लिए यह उद्योग प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं को सरकार के साथ चर्चा करनी चाहिए और देश में ओपन सेल के निर्माण की सुविधा विकसित करनी चाहिए।
सं. शेखर
वार्ता