नयी दिल्ली 01 फरवरी (वार्ता) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सांसद के केशव राव ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट को ‘दिशाहीन’ बताते हुए कहा कि केंद्र को तेलंगाना के लिए सौतेली मां जैसा भी प्यार नहीं है।
श्री राव ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र के संवर्धन के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। आम जनता जो कुछ चाहती है वैसा कुछ भी नहीं है। बेरोजगारी और कौशल विकास के मुद्दे पर भी एक शब्द नहीं है।
श्री केशव राव ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की बात की गई लेकिन लेकिन बजट में महिला सशक्तिकरण पर जोर नहीं दिया गया है। केंद्र को तेलंगाना के लिए सौतेली मां जैसा भी भी प्यार नहीं है। सिंचाई के क्षेत्र में तेलंगाना सभी राज्यों से आगे है। हमारी योजनाओं को केंद्र सरकार द्वारा नकल करने के बाद लागू किया जा रहा है। हर घर नल कनेक्शन हमारी योजना है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना टेक्सटाइल पार्क के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस योजना में 10 लाख लोगों को रोजगार देने की क्षमता है लेकिन बजट में इस योजना के लिए वाला एक रुपया भी नहीं दिया गया है। कालेश्वरम परियोजना का कोई उल्लेख नहीं है। तेलंगाना को पूरी तरह से भुला दिया गया। कर्नाटक के लिए एक विशेष प्रावधान किया गया है। इस बजट में चुनावी फोकस दिख रहा है।
श्री राव ने कहा कि कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। वर्ष 2021-22 के लिए नरेगा फंड 98,000 करोड़ आवंटित किया गया था, पिछलेवर्ष 89,000 करोड़ था, इस बजट में मात्र 60,000 करोड़ रूपया आवंटित किए गए हैं। गरीबों को रोजगार देने वाली योजना के लिए फंडिंग क्यों कम की गई?
बीआरएस के एक और सांसद नमा नागेश्वर राव ने कहा कि बजट में किसानों के लिए कोई योजना का प्रावधान नहीं किया गया है। कर्नाटक को पांच हजार करोड़ रूपए से ज्यादा राशि आवंटित किया गया है। क्या सिर्फ कर्नाटक में सूखा पड़ा है, किसी भी अन्य राज्य में लोग सूखा प्रभावित नहीं हैं? हमें संसद में ही इस बजट पर कड़ा रूख अपनाना होगा।
संजय
वार्ता