नयी दिल्ली 19 अक्टूबर (वार्ता) केन्द्र सरकार ने पंजाब को जल्द ही डीएपी उर्वरक और बाद में यूरिया की भी समुचित आपूर्ति करने का भरोसा दिया है।
पंजाब में डीएपी संकट के मद्देनज़र राज्य के कृषि, किसान कल्याण और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने मंगलवार को यहां केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात के बाद मीडिया को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने पंजाब को तीन-चार दिनों के अंदर डीएपी (डाईअमोनियम फॉस्फेट) के 10 रेक, एनपीके (कॉम्पलेक्स उर्वरक) के 5 रेक और एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) के 2 रेक आपूर्ति करने का भरोसा दिया है। उन्होंने नवंबर और दिसंबर में पंजाब को यूरिया की उचित आपूर्ति का भरोसा भी दिया।
श्री नाभा ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि रबी फसलों के लिए कुल 5.50 लाख टन डीएपी की ज़रूरत है, जिसमें से अक्तूबर और नवंबर में गेहूँ की फ़सल की समय से बुवाई के लिए 4.80 लाख टन डीएपी की ज़रूरत होती है जिससे गेहूँ की अधिक से अधिक पैदावार को यकीनी बनाया जा सके। पंजाब में लगभग 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूँ बोया जाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य के पास डीएपी का 0.74 लाख टन ओपनिंग स्टॉक ही उपलब्ध है। केन्द्र ने अक्तूबर में 2.75 लाख टन की माँग पर सिर्फ़ 1.97 लाख टन डीएपी ही आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि गेहूँ की फ़सल की बुवाई के लिए इस महत्वपूर्ण उर्वरक की कमी है और गेहूँ की बुवाई के लिए सिर्फ़ 20-25 दिन बाकी रह गए हैं।
श्री नाभा ने बताया कि पंजाब को कुल अलॉटमेंट का सिर्फ़ 41 फीसदी ही मिला है जबकि हरियाणा को कुल आवंटन का 89 फीसदी , यूपी को 170 फीसदी , राजस्थान को 88 फीसदी दिया गया है जो केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के साथ सौतेले व्यवहार को दर्शाता है।
श्री नाभा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मंडी में उर्वरक न होने के कारण ही डीएपी की कमी पैदा हुई है और केंद्र सरकार जल्द ही पंजाब को डीएपी की अपेक्षित आपूर्ति करेगी। पंजाब के कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने केन्द्र के सामने यह भी माँग की कि केंद्र सरकार काले कृषि कानूनों को रद्द करे जिसके लिए किसान पिछले एक साल से विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनकी दलील है कि इन कृषि कानूनों से बड़े कॉर्पाेरेट घराने उनकी कृषि भूमि को छीन लेंगे।
नरमे की फ़सल पर गुलाबी सूंडी के हमले पर मंत्री ने कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री ने पहले ही किसानों को मुआवज़ा देने का वादा किया है। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में नरमे की फ़सल को इस तरह के हमलों से बचाने के लिए राज्य द्वारा प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. मार्कंडेय के साथ मिलकर नवीनतम ट्यूब तकनीक अपनाई जा रही है।
बैठक के दौरान वित्तीय आयुक्त (विकास) डी.के. तिवारी और निदेशक (कृषि) डॉ. सुखदेव सिंह भी मौजूद थे।
संजीव
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