भारतPosted at: Apr 20 2018 9:35PM केन्द्र सुलझायें पंजाब की समस्या :अमरिंदर
नयी दिल्ली 20 अप्रैल (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 31,000 करोड़ रुपए के नकद ऋण सीमा के अंतर के निपटारे के लिए केंद्र से ‘साझा जि़म्मेदारी के सिद्धांत’ को लागू किये जाने की मांग फिर दोहराई है जिसे केंद्र सरकार ने दीर्घ कालिक ऋण में बदल दिया था।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान को लिखे अलग-अलग पत्र में कहा हैै कि नकद ऋण सीमा का अंतर केवल पंजाब सरकार की ही जि़म्मेदारी नहीं है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि यह अंतर व्यवस्थित और ढांचागत कारणों से पैदा हुआ है और इसको पंजाब में अनाज की खरीद प्रक्रिया में लगे सभी पक्षों के बीच ‘साझा जि़म्मेदारी के सिद्धांत’ के आधार पर हल किया जाना चाहिए। उन्होंने पहले भी यह मुद्दा बार-बार उठाए जाने का जिक्र किया है।
कैप्टन सिंह ने कहा कि इस वर्ष 15 जनवरी को लिखे गए पत्र के बाद केन्द्रीय व्यय सचिव के स्तर पर इस मामले को लेकर बैठक हुई। इसके बाद 20 फरवरी को केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली, बैंकिंग विभाग और पंजाब सरकार के बीच बैठक हुई ।
उन्होंने कहा कि इनके बावजूद इस संबंधी अभी तक कोई भी फ़ैसला नहीं लिया गया। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार, पंजाब सरकार और बैंकों के संघ के बीच सुझाए ‘साझा जि़म्मेदारी के सिद्धांत’ के आधार पर इस मसले का हल करने के लिए प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत स्तर पर दख़ल की अपील की है।
श्री पासवान को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने लम्बित पड़े वैट के भुगतान को जारी करने का मुद्दा भी उठाया।
अरुण टंडन
वार्ता