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कान्हा की नगरी में यमुना उफान पर

कान्हा की नगरी में यमुना उफान पर

मथुरा, 23 अगस्त (वार्ता) कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर उफनाती यमुना पुराणों में वर्णित द्वापर युग की याद दिला रही है। ताजेवाला बांध के बाद हथिनी कुंड से पानी छोड़ने के कारण नदी चेतावनी बिंदु को पार कर गई हैं।

अपर जिलाधिकारी ब्रजेश कुमार ने शुक्रवार को बताया कि 18 अगस्त को ताजेवाला बांध से छोड़ा गया पानी मथुरा में पहुंच कर यमुना के जलस्तर को लगातार बढ़ा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रयाग घाट पर यमुना खतरे के निशान से 56 सेमी नीचे बह रही थीं। बाढ़ से छाता तहसील के बाबूगढ़ी एवं मांट तहसील के पानी गांव प्रभावित हैं। मथुरा में यमुना का चेतावनी स्तर 165़ 20 मीटर है तथा खतरे का निशान 166 मीटर पर है। नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढोत्तरी से 95 से अधिक गांवों पर बाढ का खतरा मंडरा रहा है।

श्री कुमार ने बताया कि एहतियात के तौर पर जिले में 31 बाढ़ चैकियां बनाई गई हैं तथा 150 नाव किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने अपने नियंत्रण में ले रखी हैं। अभी तक आधा दर्जन नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई हैं।

अपर जिलाधिकारी ने बताया कि एक सेक्सन पीएसी फ्लड लगा दी गई है तथा स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स के 24 लोगों की टीम को नौहझील क्षेत्र में लगाया गया है। बाढ़ चैकियों में मेडिकल एवं पशु चिकित्सा की टीमे लगा दी गई हैं। निचले क्षेत्रों में रह रहे लोगों को पानी बढ़ने पर पास की बाढ़ चैकी में जाने को कहा गया है।माट और छाता तहसील की टीमें अपने अपने क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं।

उन्होने कहा कि अभी तक किसी जन हानि या पशु हानि के होने का समाचार नही है क्योंकि तहसील की टीमों द्वारा एडवांस में मुनादी कराने से लोग सतर्क हो गए हैं।

उधर सिंचाई विभाग के अभियन्ता मोर मुकुट सिंह ने बताया कि आज प्रातः आठ बजे हथिनी कुंड पर पानी का प्रवाह 64 हजार क्यूसेक था। उनका कहना था कि वैसे तो यमुना का जलस्तर बढ़ना जारी है पर आज रात तक जल स्तर खतरे के निशान को पार कर स्थिर हो सकता है।

सं प्रदीप

वार्ता

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