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राज्य


कान्ह नदी के शुद्धिकरण की मांग को लेकर जल सत्याग्रह

इंदौर, 25 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में कान्ह नदी शुद्धिकरण को प्राथमिकता न देकर नदी का सौंदर्यीकरण किये जाने को लेकर एक समाजसेवी ने आज से जल सत्याग्रह शुरू कर दिया।
इंदौर शहर की केन्द्रस्थली के नाम से ख्यात कृष्ण पूरा क्षत्री घाट किनारे जल सत्याग्रह पर बैठे समाजसेवी किशोर कोडवानी ने कहा कि वे कान्ह नदी शुद्धिकरण को लेकर वर्ष 2014 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) बतौर याचिकाकर्ता गये थे। जहां से उनके पक्ष में एनजीटी ने आदेश जारी कर इंदौर जिला प्रशासन, इंदौर नगर निगम (आईएमसी), क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय सहित 9 जिम्मेदारों को उचित कदम उठाये जाने के आदेश दिये थे।
श्री कोडवानी के अनुसार दो न्यायाधीशों का एक दल इसी क्रम में अपने आदेशो के अनुपालन और कार्य प्रगति का निरीक्षण करने वर्ष 2016 और वर्ष 2017 में इंदौर आया था। यहां एनजीटी ने विभागों के बीच तालमेल नही पाये जाने पर इसी संबंध में याची सहित जिला स्तर के विभागों के 9 जिम्मेदार अधिकारियों की एक उच्च शक्ति समिति (हाई पॉवर कमेटी) गठित की थी।
कमेटी को शहरी सीमा की 30 किलोमीटर कि दूषित कान्ह नदी को प्राथमिकता से एक योजना बनाकर स्वच्छ करने के निर्देश दिये गए थे। कान्ह नदी स्वच्छता के लिए वर्ष 2010 से संघर्षरत श्री कोडवानी का आरोप हैं कि समूचा जिम्मेदार तंत्र एनजीटी के आदेशों का अनुपालन न करते हुये अब तक चार सौ करोड़ रुपये की राशि खर्च कर चुका हैं, लेकिन गलत नीतियों की वजह से नतीजा सिफर रहा है।
बीते 5 दिनों से इसी जगह पर अनशन पर बैठे श्री कोडवानी ने आज शाम दूषित कान्ह नदी में बैठकर जल सत्याग्रह प्रारम्भ किया। हालांकि नाले में परिवर्तित हो चुकी कान्ह नदी से आ रहीं बदबू उनके जल सत्याग्रह के लिये बड़ी चुनौती बनी हुयीं हैं।
बतौर इंदौर जिला प्रशासन श्री कोडवानी इससे पहले इसी नदी के दो किलोमीटर के एक हिस्से को जन सहयोग से 80 फीसदी स्वच्छ करने में सफल रहे हैं।
सं बघेल
वार्ता
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