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कुम्भ के दौरान 22 पण्टून पुल से श्रद्धालुओं का हो रहा आवागमन

कुम्भ के दौरान 22 पण्टून पुल से श्रद्धालुओं का हो रहा आवागमन

प्रयागराज , 20 जनवरी (वार्ता) दुनिया के सबसे बड़े धर्मिक पर्व कुम्भ मेले में दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए 22 पैण्टून पुल तैयार कराया गया है।

संयुक्त राष्ट्र की शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा प्रदान कर इसकी महत्ता को बढ़ाया है। सूबे की सरकार ने कुम्भ में दुनिया से लगभग 12 से 14 करोड़ श्रद्धालुओं के गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने का आनुमान लगाया है।

कुंभ मेले में यातायात को सहज बनाये रखने और संभावित भीड़ को देखते हुए लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) द्वारा गंगा पर 22 पीपा पुलों पर अस्‍थाई पुल का निर्माण कराया है जबकि वर्ष 2013 के कुम्भ में 17 पैण्टून पुलों का निर्माण काराया गया था।

आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि पहले निर्णय लिया गया था कि गंगा पार जाने के लिए कुल 20 पुलों का निर्माण कराया जाएगा। लेकिन मेला शुरू होने से पहले संभावित भीड़ को देखते हुए दो और पुलों का निर्माण फाफामऊ की तरफ गया है। कुंभ मेले के दौरान करीब 12 से 14 करोड़ श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की उम्मीद है। श्रद्धालुओं के आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न/न हो इसलिए 22 पैण्टून पुलों काे तैयार कराया गया है।

मेला प्रशासन ने गंगा में पानी की जगह और स्थिति को देखते हुए 22 पीपा पुल तैयार कराए हैं जिनमें 11 पुल पर से श्रद्धालु आयेंगे और 11 से पार जायेंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब तक हर बार पीपा पुल संगम से काली सड़क के बीच ही तैयार किए जाते थे। कुम्भ मेले में अरैल की ओर भी पुलों का निर्माण होता था लेकिन इस बार फैजाबाद की ओर से आने वाली भीड़ भी बढ़ने की उम्मीद है। फाफामऊ का पुल काफी संकरा है। कर्जन ब्रिज को रेलवे ने जर्जर घोषित कर दिया है। ऐसे में इस पर भीड़ का दबाव नहीं डाला जा सकता। इसलिए फाफामऊ की ओर दो पीपा पुलों का निर्माण कराया गया है।

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