नयी दिल्ली 18 सितंबर (वार्ता) अर्थव्यवस्था की रफ्तार मंद पड़ने के बीच सरकार ने बुधवार के कोयला खनन, अनुबंधित विनिर्माण और एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में विदेशी निवेश में ढील देते हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रावधानों में बदलाव कर दिया।
उद्योग एवं अंदरुनी व्यापार संवर्धन विभाग की यहाँ जारी एक अधिसूचना के अनुसार कोयला खनन, अनुबंधित विनिर्माण और एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई को आकर्षित करने के लिए प्रावधानों को सरल बनाया गया है। सरकार ने डिजीटल मीडिया में 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है जिसे सरकार से अनुमोदित कराना होगा। नये प्रावधानों के अनुसार, कोयले की बिक्री एवं कोयला खनन से संबंधित गतिविधियों में शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दे दी गयी है। हालांकि यह एफडीआई कोयला खनन (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 और खदान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 के नियमों के अनुरूप होगी।
अनुबंधित विनिर्माण क्षेत्र में शत-प्रतिशत एफडीआई ऑटोमेटिक रूट से हो सकेगी। मूल कंपनी या उसकी सहयोगी कंपनी इस प्रावधान का लाभ ले सकेंगी।
एकल ब्रांड खुदरा कारोबार से संबंधित संशोधित प्रावधानों के अनुसार, ब्रांड भारत और विदेशों में एक साथ बेचा जा सकेगा। विदेशी कंपनी शत-प्रतिशत निवेश के साथ देश में उत्पादन और बिक्री कर सकेगी।
सरकार के अनुसार, अधिसूचना प्रेस नोट-4 के जरिये एफडीआई नीति परिपत्र, 2017 में संशोधन हो सकेगा। यह परिपत्र 28 अगस्त 2017 को प्रभावी हुआ था।
सत्या अजीत
वार्ता