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कुशीनगर मस्जिद में हुए विस्फोट की जांच में चौकाने वाला खुलासा

कुशीनगर, 14 नवम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में कुशीनगर जिले के बैरागीपट्टी टोला के मस्जिद में सोमवार रको हुए विस्फोट की जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।
पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मिश्र ने बताया ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एटीएस लखनऊ की तीन सदस्यीय टीम बुधवार काे जांच के लिए यहां आई थी। टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और मस्जिद की क्षतिग्रस्त दीवारें, खिड़की और दरवाजों के टूटे कांच आदि की बारीकी से जांच की। उसके बाद गिरफ्तार चारों आरोपियों से पूछताछ की। एटीएस ने करीब ढाई घंटे तक एसपी विनोद कुमार मिश्र से बंद कमरे में बातचीत की। उन्होंने बताया कि मामले से जुड़े लोगों का संबंध पश्चिम बंगाल के अलावा यूपी के मऊ और अलीगढ़ तथा हैदराबाद तक तार जुड़े है। ऐसे में जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। विस्फोट के समय को लेकर पुलिस को घटना के पीछे किसी बड़ी साजिश का अंदेशा है।
उन्होंने बताया कि पुलिस को शक है कि नौ नवंबर को अयोध्या मसले पर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद क्षेत्र का सौहार्द बिगाड़ने के लिए इस विस्फोटक का प्रयोग किया गया है। एटीएस टीम इन्हीं बिंदुओं की जांच करने मस्जिद पहुंची विस्फोटक की तीव्रता और मात्रा का अनुमान लगाया। एटीएस यह भी जांच कर रही है कि तीन वर्ष से गांव में रह रहे मौलवी की पश्चिम बंगाल में किस प्रकार की गतिविधियां थीं।
श्री मिश्र ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी हाजी कुतुबुद्दीन अपने गांव में भी बीते वर्षों में हुईं कई घटनाओं में जिम्मेदार ठहराया जा चुका हैं, साथ ही जेल की सजा भी काट चुका हैं। विभिन्न वजहों से उसके अलीगढ़, मऊ, हैदराबाद से जुड़े होने से पूरा मामला बेहद संवेदनशील है।
उन्होंने बताया कि विस्फोट की जड़ में गांव के हाजी कुतुबुद्दीन का परिवार था। शुरुआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि दहशत फैलाकर वह गांव में नेता बनना चाहता था। वैसे मस्जिद में विस्फोटक रखने के व्यापक उद्देश्यों की जांच जारी है। अब तक की जांच का ब्यौरा देते हुए पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सोमवार को मस्जिद में विस्फोट की घटना इत्तफाक नहीं थी। सोची समझी रणनीति के तहत विस्फोटक रखा गया था। धमाके की सूचना पर पहुंची पुलिस को पता चला कि बैटरी फटने से मस्जिद की खिड़की व दरवाजे के शीशे टूट गए हैं।
श्री सिंह ने बताया कि वह खुद भी फोरेंसिक टीम व डॉग स्क्वॉड के साथ पहुंचे। इस घटना पर मौलवी से पूछा गया तो वह कुछ बता नहीं पाए। छानबीन में पाया गया कि सीलिंग फैन से लटकाया गया पदार्थ विस्फोट कर गया था। उसकी मात्रा और प्रकृति के बारे में जानने के लिए टीम जांच कर रही है।
सघन पूछताछ में मौलवी ने बताया कि गांव के हाजी कुतुबुद्दीन अंसारी ने इसे अप्रैल 2019 में मस्जिद के स्टोर में रखवाया था। हाजी ने तब इसे मरम्मत का सामान बताया था। उन्होंने बताया कि मौलवी की यह बात समझ में नहीं आ रही है कि अगर यह सफेद सीमेंट था तो मौलवी ने खोलकर देखा क्यों नहीं। इसकी जांच-पड़ताल की जा रही है।
श्री मिश्र ने बताया कि देशद्रोही गतिविधियां या बाहरी लिंक पर उससे पूछताछ की जा रही है। अभी तक की जांच में हल्का विस्फोटक होने की बात सामने आई है।
सं त्यागी
वार्ता
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