लखनऊ 27 जून, (वार्ता) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि रोजगार का सबसे बड़ा साधन है। कृषि के बाद प्रदेश में सर्वाधिक रोजगार एमएसएमई क्षेत्र द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।
उन्होने कहा कि वर्ष 2017 से पहले इस क्षेत्र की स्थिति निराशाजनक थी। हालांकि 2018 में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के परम्परागत और विशिष्ट उत्पादों की मैपिंग कराकर राज्य सरकार ने अभिनव योजना ‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ओडीओपी) लागू की। इसके माध्यम से विभिन्न जिलों के परम्परागत एवं विशिष्ट उत्पादों को तकनीक से जोड़ने, मार्केटिंग और ब्रांडिंग की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयीं। आज प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई इकाइयां संचालित हैं। इनमें करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है।
श्री योगी ने एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा कि कृषि विभाग द्वारा विगत एक महीने में इस प्रकार के कई कार्यक्रम किए गए हैं। आज इस कार्यक्रम में गुजरात राज्य के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गो आधारित प्राकृतिक खेती के माध्यम से कम लागत में उत्पादन बढ़ाने का मंत्र दिया है।
उन्होने कहा कि भारत में ऋषि और कृषि परस्पर जुड़े हुए हैं। गो और गोवंश भारत की आस्था और अर्थव्यवस्था का आधार था। गो आधारित प्राकृतिक खेती आस्था के साथ ही अर्थव्यवस्था को भी सम्बल प्रदान कर सकती है। प्रदेश के सतत और समान विकास के कार्य को कृषि एवं एमएसएमई विभाग को मिलकर आगे बढ़ाना चाहिए। प्रदेश के अधिक से अधिक लोगों को इस कार्यक्रम से जोड़कर इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो वर्ष पहले कानपुर के चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में गो आधारित प्राकृतिक खेती पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इसमें 500 से अधिक किसान सम्मिलित हुए थे। इन किसानों द्वारा राज्य में हजारों हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा विषमुक्त खेती है। इसके लिए प्राकृतिक खेती एक अभिनव प्रयोग के रूप में आगे बढ़ रही है। कृषि वैज्ञानिक तथा प्रदेश के प्रगतिशील किसान मिलकर इसे आगे बढ़ाएंगे तो यह प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगी।
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश की भूमि सर्वाधिक उर्वरा है। यहां पर्याप्त जल संसाधन उपलब्ध हैं। प्रदेश में किसानों की संख्या सर्वाधिक है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि के सापेक्ष प्रदेश की कृषि योग्य भूमि 11 से 12 प्रतिशत है। इसके बावजूद प्रदेश, देश का लगभग 20 प्रतिशत खाद्यान्न उत्पादन कर रहा है। प्रदेश खाद्यान्न सहित गेहूं, गन्ना, चीनी, सब्जी, दूध, आलू आदि के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि सही वैज्ञानिक सोच, आधुनिक तकनीक और प्राकृतिक खेती को लागू करके उत्पादन बढ़ाने के साथ ही, किसानों की आय भी बढ़ायी जा सकती है।
श्री योगी ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों के प्रयोग से उत्पादन बढ़ा लेकिन उत्पादों की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। कई घातक बीमारियां बढ़ रही हैं। ऐसे में प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा।
प्रदीप
वार्ता