जयपुर, 21 मई (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को तारबंदी के लिए 125 करोड़ रूपए एवं शेडनेट, ग्रीन हाउस, लॉ-टनल, मल्चिंग के लिए 158.96 करोड़ रूपये के अनुदान को मंजूरी तथा प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण के लिए 15 करोड़ रूपये स्वीकृत दी है।
श्री गहलोत ने राजस्थान फसल सुरक्षा योजना के तहत आगामी दो वर्षों में 1.25 करोड़ मीटर तारबंदी के लिए किसानों को 125 करोड़ रूपये के अनुदान को मंजूरी दी है। योजना के प्रावधान के अनुसार किसान को न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर कृषि भूमि होने पर अधिकतम 400 रनिंग मीटर तक तारबंदी की लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रूपये अनुदान दिया जाएगा। पेरीफेरी के किसानों व सामुदायिक आधार पर खेती करने वाले सभी श्रेणी के किसानों के लिए भी दो या दो से अधिक किसानों के समूहों को न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर कृषि भूमि पर तारबंदी की लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रूपए अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। तारबंदी का क्षेत्र 400 रनिंग मीटर से कम होने पर यथा अनुपात अनुदान मिलेगा।
योजना से 35 हजार किसान लाभान्वित होंगे तथा लाभान्वितों में से आवश्यक रूप से 30 प्रतिशत लघु व सीमांत किसान होने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, प्रत्येक लघु एवं सीमांत किसान को तारबंदी की लागत के 50 प्रतिशत के स्थान पर 60 प्रतिशत की दर से या 48 हजार रूपये अनुदान दिया जाएगा। योजना में 30 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि दिए जाने के लिए 3.60 करोड़ रूपये के अतिरिक्त बजट का प्रावधान भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान संरक्षित खेती मिशन के तहत किसानों को पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, लॉ-टनल की स्थापना व प्लास्टिक मल्चिंग के लिए 158.96 करोड़ रूपये के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें 147.15 करोड़ रूपये मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना से वहन किया जाएगा।
प्रस्ताव में शेडनेट व ग्रीनहाउस के लिए सब्सिडी में न्यूनतम 85 प्रतिशत व मल्चिंग और लॉ-टनल के लिए सब्सिडी में न्यूनतम 50 प्रतिशत, लघु और सीमांत किसानों को लाभान्वित करने का प्रावधान किया गया है। लॉ-टनल के लिए पहले लघु एवं सीमांत किसानों को अधिकतम एक हजार वर्गमीटर के लिए अनुदान मिलता था, अब इसे बढ़ाकर 4 हजार वर्गमीटर कर दिया गया है। लॉ-टनल पर प्रति वर्गमीटर लागत पर अनुदान सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है।
लघु और सीमांत किसानों के लिए प्लास्टिक मल्चिंग के लिए प्रति हैक्टेयर यूनिट लागत राशि पर अनुदान 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे प्रति हैक्टेयर यूनिट लागत राशि पर अब 16 हजार रूपये की जगह 24 हजार रूपये की सब्सिडी मिलेगी। अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के जनजाति श्रेणी के किसानों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान देने के लिए 5 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
श्री गहलोत ने वित्त वर्ष 2022-23 में प्रदेश में 2500 किसानों के लिए कम लागत की प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण के लिए 15.05 करोड़ रूपये के अनुदान के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इनके निर्माण से किसानों को प्याज भंडारण में आसानी होगी। इन संरचनाओं के निर्माण की अनुमानित लागत 1.75 लाख रूपये प्रति इकाई है। इसमें किसान को निर्माण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जाएगी जो अधिकतम 87500 रूपये होगी। योजना में न्यूनतम 50 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों को लाभान्वित किया जाएगा।
जोरा
वार्ता