लखनऊ 21 सितम्बर (वार्ता) हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में राजधानी लखनऊ समेत समूचे उत्तर प्रदेश में कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच 10वीं मोहर्रम 'यौमे-आशूरा' का जुलूस निकाला गया।
पुराने लखनऊ में आकर्षक ढंग से सजे रंग-बिरंगे ताजिये जुलूस में शामिल थे। जुलूस में शामिल युवा इमाम हुसैन की शहादत में छाती पीट पीट कर मातम कर रहे थे। जुलूस विक्टोरिया स्ट्रीट से अकबरी गेट, नक्खास, बिल्लौचपुरा,मंसूर नगर तिराहा होता हुआ दरगाह हजरत अब्बास पहुंचा। इस दौरान अजादारों ने मातम कर करबला के शहीदों को पुरसा दिया।
कानपुर,बरेली,अलीगढ,अमरोहा,बरेली,बहराइच,आजमगढ और मेरठ समेत अधिसंख्य शहरों में सुरक्षा बलों की मौजूदगी में लोग ने ‘हाय हुसैन’ के नारे के साथ ताजिये का जुलूस इमामबाड़ा से निकाला और कर्बला में आंसुओं के सैलाब के साथ ताजियों को दफन कर दिया।
मोहर्रम के महीने में इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को इराक के बयाबान में जालिम यजीदी फौज ने शहीद कर दिया था। हजरत हुसैन इराक के शहर करबला में यजीद की फौज से लड़ते हुए शहीद हुए थे।
प्रदीप
वार्ता