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करतारपुर गलियारा जल्दी ही बन कर तैयार होगा: सिंह

अमृतसर 22 जनवरी (वार्ता) केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान स्थित गुरूद्वारा करतारपुर साहिब के लिए गलियारा शीघ्र ही बन कर तैयार हो जाएगा।
श्री सिंह ने बाघा सीमा पर एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) पर हुए विकास कार्यों का उदघाटन करने के बाद पत्रकारों से कहा कि दिल्ली में आज सुबह उनकी गलियारा परियोजना संबंधी संबंधित विभागों के अधिकारियों से बैठक हुई थी जिसमें बताया गया कि गलियारा परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है तथा यह शीघ्र ही बन कर तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है।
गृहमंत्री ने बाघा सीमा पर रिट्रीट सेरामनी के लिए सीमा सुरक्षा बल की 25 हजार दर्शकों की क्षमता वाले नवनिर्मित यू-शेप गैलरी का भी उदघाटन किया। गैलरी के निर्माण पर 32 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं। इससे पहले यहां केवल दो हजार दर्शकों के ही बैठने की व्यवस्था थी। नई बनाई गई गैलरी में अतियाधुनिक यंत्रों से सुसज्जित कांफ्रैंस हाल, लाँज, डायनिंग हाल, मैडिकल रूम, जनसूविधा, पार्किंग क्षेत्र, कंट्रोल रूम, साऊंड सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क शामिल है।
श्री सिंह ने रिट्रीट सेरामनी का भी अवलोकन किया और जवानों के साथ फोटो भी खिचवाई। इस अवसर पर उन्होने सीमा पर बीएसएफ के जवानों के लिए आवासीय कॉलोनी का भी नींव पत्थर रखा। उन्होने बताया कि यह कॉलोनी 13 महीनों में बन कर तैयार हो जाएगी और इस के निर्माण पर 23 करोड़ रूपये खर्च होंगे।
इसके अलावा श्री राजनाथ सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय चैक पोस्ट (आईसीपी), वेयर हाऊस की शैड और यात्री टर्मिनल स्वतंत्र गेट का भी लोकार्पण किया। उन्होने कहा कि अलग अलग एजेंसियों के समन्वय से आईसीपी के रास्ते अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होने कहा कि बाघा सीमा पर आईसीपी के रास्ते पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के साथ आयात निर्यात किया जा रहा है जिसे कजाखिस्तान, ताजिकस्तान, किर्गिजस्तान, उजवेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान तथा अन्य केन्द्रीय एशियाई देशों के साथ बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। मौजूदा समय में पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सूखे मेवे, खजूर, ताजे फल, सोडा पाउडर, कास्टिक सोडा, सीमेंट, ऊनी वस्त्र, ग्रीसी ऊन, शीशा, जिप्सम, वॉक्साइट और कैल्सियम कार्बोनेट का आयात किया जा रहा है।
आईसीपी की स्थापना के बाद से कई सीमा व्यापार मुद्दे लंबित पड़े हुए थे। जैसे खुले माल के लिए क्षेत्र कच्चा और मिटटी से भरा था जिससे माल मिटटी से खराब हो जाता था। यहां अतिरिक्त वेयर हाउस की जरूरत थी। कार्गों ट्रकों, आईसीपी और यात्री टर्मिनल के लिए एक ही प्रवेश गेट था जिससे ट्रकों में से सामान उतारने और लादने में अतिरिक्त समय खर्च हो रहा था। इसके अतिरिक्त अभी तक ट्रकों की फुलबॉडी स्कैनर के लिए भी निविदाएं नहीं की गई हैं। सीमा शुल्क विभाग द्वारा की जा रही मानवीय जांच दौरान शत प्रतिशत जांच नहीं हो पाती, जो जोखिम भरा है।
सं.ठाकुर.संजय
वार्ता
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