राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Jan 23 2019 6:35PM करतारपुर साहिब के दर्शन सिखों तक सीमित करने पर रोष
चंडीगढ़, 23 जनवरी (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शनों की इजाजत सिर्फ सिख श्रद्धालुओं को देने संबंधी पाकिस्तान के प्रस्ताव पर रोष जताते हुए कहा है कि गुरु नानक देव जी सर्वमान्य गुरू हैं तथा उनके श्रद्धालु हिन्दू धर्म सहित सभी धर्मों से जुड़े हैं।
कैप्टन सिंह ने आज भारत सरकार से अपील की कि जब पाकिस्तान की तरफ से करतारपुर कॉरिडोर के अपने अधिकार क्षेत्र में प्रवेश को लेकर समझौते का मसौदा भेजा जायेगा तो उस समय यह मसला पाकिस्तान सरकार के समक्ष उठाया जाये।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने अधिकार क्षेत्र की सुरक्षा संबंधी शर्तें तय करने का पूरा हक है लेकिन उसे इस बात पर भी गौर करना चाहिये कि पहले पातशाह की विचारधारा सिखों तक सीमित नहीं थी ।उनके दिखाये मार्ग को सभी धर्मों के लोग मानते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्म में भेदभाव की कोई जगह नहीं है ।लंगर की सेवा का प्रस्ताव भी जात-पात से रहित है। गुरुद्वारा साहिब के दरवाज़े हरेक मानव के लिए हमेशा खुले हैं। इसलिए श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब के दर्शन करने से वंचित रखना पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने ‘खुले दर्शन दीदार ’ की वकालत करते हुए कहा कि एक दिन में पांच सौ श्रद्धालुओं के जाने की बंदिश नहीं होनी चाहिए ।विशेषकर जब नवंबर में श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मनाया जाना है। यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट ज़रूरी होने के क्लॉज संबंधी रिपोर्ट पर चिंता ज़ाहिर की। पंजाब में अधिकतर ग्रामीण जनसंख्या के पास पासपोर्ट नहीं है जिस कारण ऐसे कदम से वह पवित्र स्थान के दर्शनों से वंचित रह जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने भारत और पाकिस्तान की सरकारों से अपील की कि दोनों पक्ष बातचीत का रास्ता अपना कर औपचारिक समझौता लागू होने से पहले करतारपुर कॉरिडोर के द्वारा श्रद्धालुओं के जाने संबंधी सभी मसले निपटा लें ।