श्रीनगर, 23 अप्रैल (वार्ता) जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष मोहम्मद यासिन मलिक, अन्य अलगाववादी नेताओं, कारोबारियों और अन्य लोगों के साथ कथित तौर पर बुरा व्यवहार करने के विरोध में ज्वॉइंट रेसिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) के आम हड़ताल के आह्वान की वजह से मंगलवार को कश्मीर घाटी में जन जीवन बुरी तरह प्रभावित रहा।
श्रीनगर में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठानें बंद रहे और सड़कों पर यातायात भी बंद है। इसके अलावा किसी भी तरह के प्रदर्शन से बचने के लिए राज्य पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों (सीपीएमएफ) के अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है। श्री मलिक का गढ़ माने जाने वाले मैसुमा और आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
घाटी के ऐतिहासिक लाल चौक, बादशाह चौक, रीगल चौक, हरि सिंह हाई स्ट्रीट(एचएसएचएस), बटमालू और डलगेट में कारोबारी और अन्य गतिविधियां ठप्प है। कुछ कैब, तीन पहिया वाहनों के साथ-साथ कुछ निजी वाहनों को कुछ मार्गों पर देखा जा सकता है।
शहर के बाहरी इलाकों में भी जन-जीवन प्रभावित हैं हालांकि यहां कुछ दुकानें खुली हुईं हैं और सड़क किनारे सब्जियां और फलों की बिक्री हो रही है।
बारामूला से मिली एक रिपोर्ट में बताया कि उत्तर कश्मीर के अन्य मुख्य शहरों और तहसील मुख्यालयों से भी बंद की रिपोर्टें मिली हैं।
बारामूला में झेलम नदी के ऊपर बने मुख्य पुल पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। किसी तरह के प्रदर्शन से बचने के लिए सोपोर पलहलन और पाट्टन में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं।
शोपियां से मिली रिपोर्टों के अनुसार, दक्षिण कश्मीर के कई शहरों और तहसील मुख्यालयों में दुकानें और व्यावसाियक प्रतिष्ठानें के बंद रहने के साथ-साथ यातायात भी ठप्प है।
अनंतनाग में भी बंद का पूरा असर देखने को मिल रहा है जबकि अनंतनाग संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्रों में आज मतदान चल रहा है। यहां सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं।
कश्मीर के बडगाम और गंदेरबल जिलों से भी बंद की रिपोर्ट मिली है।