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गांधीजी का जीवन श्रद्धा और पुरूषार्थ का महाकाव्य है : डॉ. शोभना राधाकृष्ण

भोपाल, 10 दिसंबर(वार्ता) गांधीवादी चिंतक एवं कथाकार डॉ. शोभना राधाकृष्ण ने कहा कि राष्ट्रपिता गांधीजी का जीवन श्रद्धा और पुरूषार्थ का महाकाव्य है। यही मेरे लिए गांधी-कथा की प्रेरणा का कारण भी है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ आज शाम संस्कृति विभाग द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जन्मवर्ष के अवसर पर आयोजित गांधी-कथा में शामिल हुईं। इस मौके पर डॉ. शोभना राधाकृष्ण ने गांधी-कथा प्रस्तुत की। यह कार्यक्रम भारत-भवन के अंतरंग सभागार में हुआ। गांधी-कथा के पूर्व स्वाति भगत और उनके साथियों ने भजनों की सांगीतिक प्रस्तुति दी।
डॉ. शोभना राधाकृष्ण ने कहा कि राष्ट्रपिता गांधी जी का जीवन श्रद्धा और पुरूषार्थ का महाकाव्य है। यही मेरे लिए गांधी-कथा की प्रेरणा का कारण भी है। उन्होंने गांधीजी के व्यक्तित्व के पहलुओं पर विस्तार से अपनी बात कही। डॉ. शोभना ने कहा कि गांधीजी प्रत्येक कार्य को ईश्वर प्रदत्त कार्य मानते थे तथा समय प्रबंधन, सत्य, संवाद, चरित्र के प्रति सजगता और मानवता को अपने कर्म यज्ञ में आहुति मानते थे। ये उनके व्यक्तित्व की विशेषताएँ थीं।
डॉ. शोभना अनेक देशों में गांधी कथा प्रस्तुत कर चुकी हैं। इस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति पंकज राग सहित बड़ी बड़ी संख्या श्रोता उपस्थित थे।
व्यास
वार्ता
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