नयी दिल्ली 05 जुलाई (वार्ता) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुरु जनों की शिक्षा और संस्कारों को देश हित में सार्थक बनाया जाना चाहिए।
श्री नायडू ने रविवार को एक ट्वीट श्रंखला में कहा कि गुरुजनों की शिक्षा और संस्कार को समाज के हित में सार्थक बनाने से ही उन्हें संताेष मिलेगा।
श्री नायडू ने कहा, "हमारी परम्परा में मानव जीवन के जिन तीन ऋणों की कल्पना की गई है उसमें गुरु ऋण, अध्ययन, अध्यापन और ज्ञान के विकास तथा प्रसार से चुकाया जाता है."
उन्होंने कहा, मैं इस पावन अवसर पर देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे अपने गुरुजनों की शिक्षा और संस्कार को देश और समाज के लिए सार्थक बनाएं। इसी से हमारे गुरुजनों को संतोष मिलेगा।"
उपराष्ट्रपति ने कहा, "गुरु पारस को अंतरो, जानत हैं सब संत। वह लोहा कंचन करें, ये करि लेय महंत। गुरु पूर्णिमा के सुअवसर पर हमारे सांस्कारिक उत्कर्ष को आधार और दिशा देने वाले आदरणीय गुरुजनों के श्री चरणों का सादर स्मरण करता हूं।"
सत्या, यामिनी
वार्ता