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ग्वार में अनावश्यक खरपतवारनाशक दवा का न करें प्रयोग : यादव

सिरसा 21 अप्रैल(वार्ता) कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि ग्वार पर अनावश्यक दवा नहीं छिड़कें ।
ग्वार विशेषज्ञ डा0 बीडी यादव ने आज किसान जागरूकता शिविर में कहा कि ग्वार बारानी क्षेत्रों की एक महत्त्वपूर्ण फसल है। खरीफ मौसम की यह फसल न केवल कम लागत में अधिक मुनाफा देती है, बल्कि इससे जमीन की उर्वरक शक्ति भी बढ़ती है। ग्वार की फसल में जडग़लन (उखेड़ा) एक मुख्य बीमारी आती है, जो ग्वार की पैदावार को 25 से 45 प्रतिशत कम कर देती है। ग्वार की खड़ी फसल में काफी किसान अनावश्यक खरपतवारनाशक दवा का प्रयोग करते हैं, जिससे ग्वार की पैदावार तथा आगामी फसल सरसों के जमाव पर विपरीत असर पड़ता है।
उन्होंने आज यहां कहा कि ओढां के गांव घुकांवाली में खेती करने योग्य 5200 एकड़ जमीन है तथा इसमें से करीबन 2800 एकड़ में ग्वार की फसल ली जाती है। ग्वार का इतना बड़ा रकबा होने की वजह से इस सम्बन्ध में किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा इस गांव में किसान जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कृषि विभाग ओढां के तत्वावाधान तथा हिन्दुस्तान गम एंड कैमिकल्स भिवानी के ग्वार विशेषज्ञ के सहयोग से आयोजित इस शिविर में कृषि विभाग ओढां के एटीएम डॉ. रमेश साहू ने शिरकत की ।
गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को बीजोपचार, ग्वार की उन्तत किस्मों की जानकारी तथा ग्वार की खड़ी फसल में अनावयश्क खरपतवारनाशक दवाई का प्रयोग न करने तथा इसके नुकसान के बारे में किसानों को पूरी जानकारी देना था। एटीएम डॉ. साहू ने कहा कि किसान बिजाई से पूर्व अपने खेत की मिट्टी व पानी की अवश्य जांच करवाएं। जमीन में किस पोषक तत्व की कमी है, यह जानकारी हमें मिट्टी जांच से पता चल सकता है तथा मिट्टी का नमूना लेने का तरीका किसानों को समझाया। उन्होंने ग्वार की प्रमाणित व उन्नत किस्में एचजी 365, एचजी 563 व एचजी 2-20 बीजोपचार करके बीजने की सलाह दी।
ग्वार विषेषज्ञ डॉ. बीडी यादव ने कहा कि ग्वार की खड़ी फसल में किसी-भी अनावश्यक खरपतवारनाशक दवा का प्रयोग न करें क्योकि यह दोहरी मार कर सकती है। इससे खरपतवार तो बेशक खत्म हो जायेंगे, लेकिन दवा का दुष्प्रभाव ग्वार की फसल के लिए बेहद नुकसानदायक है। ऐसी दवा का खड़ी फसल में स्प्रे करने से ग्वार फसल के पत्ते पीले पडऩे शुरू हो जाते है तथा इसके साथ ग्वार की बढ़ोतरी 12 से 15 दिन तक रूक जाती है। इसके बाद इन दवाओं का असर आगामी फसल सरसों के जमाव पर 25 से 40 प्रतिशत तक पड़ता है तथा बाद में सरसों फसल की बढ़वार व पैदावार को काफी प्रभावित कर देती है। खरपतवार से निजात पाने के लिए किसान ग्वार की बिजाई के 25 से 30 दिन पर एक निराई-गुड़ाई अवश्य करें।
सं शर्मा विजय
वार्ता
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