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गहलोत ने आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व का किया उद्घाटन

गहलोत ने आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व का किया उद्घाटन

जयपुर, 22 मई (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व का आज यहां उद्घाटन किया।

श्री गहलोत ने अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर मुख्यमंत्री निवास से इसका लोकार्पण करते हुए कहा कि

आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व वन एवं वन्यजीव संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व पर्यटन स्थल की सौगात प्रदेशवासियों को समर्पित की। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों की मानव जीवन में अहम भूमिका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैव विविधता का संरक्षण हम सभी की अहम जिम्मेदारी है। राज्य सरकार द्वारा वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। राजस्थान अपनी भौगोलिक विषमताओं के बावजूद वन संरक्षण करने में सफल रहा है।

श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान अपनी ऐतिहासिक धरोहर, रेगिस्तान के साथ वन्यजीव पर्यटन के रूप में बड़ा स्थान कायम किए हुए है। प्रदेश के लिए शुभ संकेत है कि टाइगर, लेपर्ड और अन्य वन्यजीवों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वन और वन्यजीव की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। जैव विविधता को बनाए रखने के लिए वर्ष 2010 में ही राजस्थान जैविक विविधता नियम की अधिसूचना जारी की है। प्रदेश में तीन राष्ट्रीय उद्यान, 27 वन्यजीव अभयारण्य, 16 कंजर्वेशन रिजर्व और चार टाइगर प्रोजेक्ट हैं। इन सभी के संरक्षण और संवर्धन के लिए अधिक संवेदनशीलता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा ही इको-टूरिज्म पॉलिसी-2021 लागू की गई है। साथ ही सरिस्का और मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बॉर्डर होमगार्ड लगाकर विशेष बाघ संरक्षण बल की स्थापना की गई है। यह अनूठी पहल है।

श्री गहलोत ने कहा कि वर्ष 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वन एवं वन्यजीव संरक्षण में पहल करते हुए ‘प्रोजेक्ट टाइगर‘ की शुरूआत की थी। उसी का परिणाम रहा कि राजस्थान में तीन टाइगर सफारी है। हाल में राज्य के चौथे टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में रामगढ़ विषधारी को विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि वन और पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। जयपुर के झालाना डूंगरी स्थित विश्व वानिकी उद्यान की तर्ज पर जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर और अजमेर में भी वानिकी उद्यान विकसित किए जा रहे हैं।

जोरा

जारी वार्ता

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