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गहलोत ने मोदी से राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की मदद देने का अनुरोध किया

गहलोत ने मोदी से राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की मदद देने का अनुरोध किया

जयपुर, 28 मार्च (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंती अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की सहायता देने का अनुरोध किया है।

श्री गहलोत ने इस सम्बन्ध में श्री मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर राज्यों में जारी लॉकडाउन के चलते गरीब लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मदद की पहली किश्त राज्यों की जनसंख्या के आधार पर दी जानी चाहिए। इसके बाद सहायता राशि उन राज्यों को दी जाये जो कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित हैं।

श्री गहलाेत ने कोनोरा वायरस के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज की घोषणा पर प्रधानमंती नरेंद्र का आभार जताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर इस संक्रामक बीमारी का सामना करना चाहिए। उन्होंने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को राज्यों को ब्याजमुक्त एक लाख करोड़ रुपये का अग्रिम कर्ज मुहैया कराने के लिये निर्देश देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि करों की प्राप्ति में भारी कमी के चलते राज्यों की कुल साख सीमा में तुरंत दो प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जानी चाहिए।

श्री गहलोत ने पत्र में कहा कि केंद्र सरकार के पास रिजर्व बैंक जैसी शीर्ष संस्थाओं को निर्देश देने का अधिकार है, लिहाजा राज्यों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार आरबीआई और अन्य आर्थिक संस्थाओं के रिणों की किश्तों की अदायगी कम से कम तीन महीने के लिये स्थगित करेगी। उन्होंने कहा कि बाँड मार्कीट की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्यों को दिया जाने वाला विकास रिण पर ब्याज केंद्र की तुलना में काफी ज्यादा है। राज्य में कोरोना वायरस के चलते बढ़ते व्यय को देखते हुए केंद्र सरकार को अपने स्तर पर नवीन रिण लेकर राज्यों को अग्रिम रिण के रूप में मुहैया कराया जाना चाहिए।

श्री गहलोत ने कहा कि देशभर में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये लॉकडाउन लागू है, जिससे लोगों के सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। लोगों को भुखमरी से बचाने के लिये राजस्थान सरकार लोगों को नकदी मुहैया कराने के साथ ही जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बनाये रखने के हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी पूरी क्षमता से कोरोना वायरस को रोकने के लिये प्रभावी कदम उठाये हैं। इसके बावजूद राज्य की नये संसाधन जुटाने की सीमायें हैं। केंद्र सरकार के पास कोष बढ़ाने लिये कई तरह के वित्तीय अधिकार हैं जो राज्य सरकार के पास नहीं हैं, लिहाजा कोरोना वायरस की वजह से बदलते हालात से निपटने के लिये राज्य सरकारों को पर्याप्त आर्थिक संसाधन मुहैया कराया जाना चाहिए।

सुनील

वार्ता

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