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चिटफंड में सुरक्षित निवेश संबंधी विधेयक लोकसभा में पारित

नयी दिल्ली 20 नवंबर (वार्ता) चिटफंड कंपनियों को वैध बताने तथा उनमें जमा गरीबों की गाढ़ी कमाई का पैसा सुरक्षित रहने के प्रावधानों वाला विधेयक बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा में पारित हो गया।
वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘चिट फंड (संशोधन) विधेयक 2019’ पर सदन में दो दिन चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि पॉन्जी कंपनियों तथा चिटफंड कंपनियों में फर्क है और इस अंतर को बताने वाली जानकारी लोगों तक पहुँचना आवश्यक है। रिजर्व बैंक सहित नौ वित्तीय संस्थानों में जो चिटफंड कंपनियाँ पंजीकृत हैं उनमें लोगों का पैसा सुरक्षित है जबकि अनियमित पॉन्जी कंपनियों में पैसा डूब जाता है।
उन्होंने कहा कि चिटफंड एक ऐसी वैधानिक व्यवस्था है जिसमें गरीब अपना पैसा जमा कर लाभ अर्जित करें। इस विधेयक में ऐसे प्रावधान किये गये हैं कि किसी भी परिस्थिति में गरीबों का पैसा डूबेगा नहीं। विधेयक में इन चिटफंड कंपनियों में निवेश की सीमा तय की गयी है। बढ़ी महँगाई को देखते हुये यह सीमा निजी स्तर पर एक लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये तथा संस्थागत स्तर पर छह लाख रुपये से बढ़ाकर 18 लाख रुपये की गयी है। राज्यों को अपने हिसाब से निवेश की सीमा तय करने का अधिकार दिया गया है।
श्री ठाकुर ने कहा कि चिटफंड में निवेश पर जीएसटी से छूट मिले इसके बारे में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद् में बात कर वहाँ इस तरह के प्रावधान करने का आग्रह किया जा सकता है। चिटफंड में गरीब ने जो पैसा जमा किया है वह डूबे नहीं और निवेशक को पूरा पैसा वापस मिले इस विधेयक में यह सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है। चिटफंड कंपनियों की सूची रिजर्व बैंक के पास भी है।
अभिनव अजीत
जारी वार्ता
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