नयी दिल्ली 20 फरवरी (वार्ता) भारत - आसियान संबंधों को और मजबूती देने के लिए कल से यहां चौथी भारत-आसियान प्रदर्शनी एवं सम्मेलन आयोजित होगा।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को यहां बताया कि सम्मेलन का लक्ष्य ‘एक्ट-ईस्ट नीति’ के तहत भारत-आसियान संबंधों को और अधिक मजबूत करना तथा इन्हें आगे बढ़ाना है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग सुरेश प्रभु और आसियान देशों के व्यापार मंत्रियों के साथ-साथ आसियान के महासचिव संयुक्त रूप से 21 फरवरी को भारत-आसियान प्रदर्शनी एवं एवं शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। प्रदर्शनी में आधारभूत ढ़ांचा, विनिर्माण, इंजीनियरिंग, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सुविधा, पर्यटन, पर्यावरण, कृषि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वित्त एवं बैंकिंग और खुदरा जैसे क्षेत्रों में भारत और आसियान देशों के बीच परस्पर सहयोग से व्यापार और उद्योगजगत की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों को दर्शाया जाएगा। यह सम्मेलन 23 फरवरी तक चलेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सी आर चौधरी और कृषि राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी सम्मेलन में शामिल होंगे। इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री इंगारसियास्तो लुकिता, म्यामां के वाणिज्य मंत्री डॉ. थान मिंट, कंबोडिया के वाणिज्य मंत्री पान सोरासाक, थाइलैंड की कार्यवाहक वाणिज्य मंत्री चूटीमां बुलियाप्रफासारा, आसियान के महासचिव लिम जोक होई, सिंगापुर व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय के द्वितीय स्थायी सचिव ली चुआन टेक, मलेशिया के श्री दातोलोकमान हाकिम बिन अली तथा वियतनाम चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष डोआन डायखुओंग भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के परिसंघ (आसियान) में वियतनाम, थाईलैंड, सिंगापुर, फिलीपींस, म्यांमार, मलेशिया, लाओ पीडीआर, इंडोनेशिया, कंबोडिया और ब्रुनेई शामिल हैं। आसियान देशों के साथ भारत का संबंध विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ होने के साथ-साथ एक्ट-ईस्ट नीति का आधार भी है। भारत और आसियान देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों में निरंतर वृद्धि हुई है। चीन के बाद आसियान भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों पक्षों के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 81.33 अरब डॉलर है।
सम्मेलन में आसियान देशों के व्यापार मंत्री, आसियान के महासचिव और कारोबारी प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे। प्रदर्शनी में भारत और आसियान के 200 से अधिक कंपनियां होगी। इस दौरान कारोबारियों की बैठकें और कारोबारियों की सरकारों के साथ बैठकें भी आयोजित की जायेंगी। खरीददारों और विक्रेताओं के बीच बैठक होगी। इससे कारोबारियों और सरकारों के बीच निकट संपर्क कायम होगा।
चौथे भारत आसियान एक्सपो एवं शिखर सम्मेलन से भारत और आसियान देशों के कारोबारी एक साथ होकर क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखलाओं को आपस में जोड़ने की दिशा में संयुक्त रूप से काम करेंगे। इससे परस्पर व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
सत्या अर्चना
वार्ता