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चंद्रयान-2 मिशन में सोचा-समझा जोखिम उठाएगा इसरो : शिवन

चंद्रयान-2 मिशन में सोचा-समझा जोखिम उठाएगा इसरो : शिवन

हैदराबाद 22 सितम्बर (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन में देश सोचा समझा जोखिम उठाएगा।

इसरो अध्यक्ष डॉ. के शिवन ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थित गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नालॉजी एंड मैनेजमेंट (जीआईटीएएम) के नौंवे दीक्षांत समारोह में कहा कि चंद्रमा से संबंधी 50 फीसदी से ज्यादा मिशन असफल हो जाते हैं। इसके बावजूद इसरो सोचा-समझा जोखिम ले रहा है , क्योंकि यदि हम अंतरिक्ष के क्षेत्र में अग्रणी देशों में शामिल होना चाहते हैं तो नवाचार के लिए सोचा समझा जोखिम लेना आवश्यक है।

श्री शिवान ने चंद्रयान-2 के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसरो का लैंडिंग साइट 20 डिग्री अक्षांश से ऊपर है जहां आज तक कोई नहीं पहुंच सका है। उन्होंने कहा कि लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) की पहली उड़ान वर्ष 2019 के मध्य में होगी। यह दुनिया में अब तक की सबसे किफायती और सबसे कम समय में तैयार होने वाला लघु प्रक्षेपण यान होगा।

उन्होंने कहा कि इसके डिजाइन में नवाचार का काफी इस्तेमाल किया गया है। इसका निर्माण 72 घंटे के भीतर किया गया। सामान्यत: एक लघु प्रक्षेपण यान के निर्माण में 70 दिन का समय लगता है। तैयार लघु प्रक्षेपण यान को केवल छह लोग एक लैपटॉप की सहायता से प्रक्षेपित कर सकते हैं।

श्री शिवन ने कहा, “दुनियाभर में दूसरे सबसे ज्यादा इंटरनेट उपभोक्ता भारत में हैं लेकिन ब्राडबैंड स्पीड के मामले में हम 76वें स्थान पर है। अगले वर्ष के अंत तक जीएसएटी-11, जीएसएटी-29 और जीएसएटी-20 का प्रक्षेपण किया जाएगा इसके बाद पूरे देश में 100 जीबीपीएस हाई ब्रैंडबिथ की स्पीड मिलने लगेगी जिससे डिजिटल विषमता को कम करने में मदद मिलेगी। ”

दीक्षांत समारोह में 1017 स्नातकों और स्नातकोत्तरों को डिग्रियां प्रदान की गयी। मैनेजमेंट और अन्य शाखाओं के अग्रणी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किये गये।

दिनेश टंडन

वार्ता

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