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चार वर्षाें में डिजिटल भुगतान होगा दाेगुना से अधिक

नयी दिल्ली 16 जून(वार्ता) देश में फिनटेक कंपनियों की तेजी से जारी विस्तार के बल पर वर्ष 2023 तक डिजिटल भुगतान के दोगुना से अधिक बढ़कर 135.2 अरब डॉलर पर पहुंचने की संभावना है और भारत डिजिटल लेनदेन में बढोतरी के मामले में चीन और अमेरिका को पछाड़ देगा।
अभी भारत में डिजिटल लेनदेन 64.8 अरब डॉलर है जबकि चीन इस मामले में 1.56 लाख करोड़ डॉलर के डिजिटल भुगतान के साथ अव्वल देश बना हुआ है। उद्योग संगठन एसोचैम और पीडब्ल्यूसी की एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार वर्श 2019 से 2023 के दौरान देश में उिजिटल भुगतान में तीव्र बढोतरी होने का अनुमान है। इसमें वार्षिक 20 फीसदी से अधिक की बढोतरी हो सकती है। इस अवधि में चीन में डिजिटल लेनदेन में 18.5 प्रतिशत और अमेरिका में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।
वैश्विक स्तर पर डिजिटल लेनदेन मूल्य के मामले में अगले चार वर्षाें में भारत की हिस्सेदारी वर्तमान के 1.56प्रतिशत से बढ़कर 2.02 प्रतिशत हो जायेगी। रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल कॉमर्स में बढोतरी, भुगतान प्रौद्यागिकी के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रियल टाइम भुगतान और मोबाइल प्वांइट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरण के आने से डिजिटल लेनदेने के इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत में कमी आयी है और इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ाने में मदद मिली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नियामक पहल और गैर बैंकिंग क्षेत्र के वॉलेट की सफलता से पिछले तीन वर्षाें में इलेक्ट्रानिक भुगतान में तेजी आयी है। टेलीकॉम कंपनियों, बैंकों, वॉलेट कंपनियों और ई कॉमर्स रिटेलरों की वजह से देश में प्रतिस्पधी डिजिटल भुगतान में व्यापक बदलाव आया है। अभी देश में 50 ऐसी कंपनियां है जो डिजिटल भुगतान सेवा प्रदान कर रही है।
शेखर
वार्ता
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