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छात्र नेता से सांसद बने गोपाल जी ठाकुर

छात्र नेता से सांसद बने गोपाल जी ठाकुर

दरभंगा 02 जून (वार्ता) छात्र नेता के रूप में अपनी सियासी पारी का आगाज करने वाले गोपालजी ठाकुर पहले विधायक और अब सांसद बनने में कामयाब हुये।

बिहार में दरभंगा जिले के बिरौल थाना क्षेत्र के पड़री गांव में 15 अक्टूबर 1969 को जन्में गोपालजी ठाकुर को राजनीति विरासत में मिली। उनके पिता श्री गणेश प्रसाद ठाकुर जनसंघ से जुड़े हुये थे। श्री ठाकुर ने वर्ष 1984 में मैट्रिक की पढ़ाई सती उच्च विद्यालय विरौल से पूरी की। वह राजनीति के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहते थे और इसी इरादे से वर्ष 1985 में छात्र नेता के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की। नब्बे के दशक में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये। वर्ष 1991 में उन्होंने स्नाकोत्तर की पढ़ाई सी.एम.कॉलेज दरभंगा से पूरी की।

वर्ष 1992 में श्री ठाकुर पंडरी पंचायत के अध्यक्ष निर्वाचित हुये और दो वर्षो तक सेवा दी। इसके बाद उन्होंने बिरौल मंडल युवा मोर्चा के अध्यक्ष ,दरभंगा जिला किसान मोर्चा के मंत्री के तौर पर काम किया। वह वर्ष 1996 से वर्ष 2003 तक बिरौल मंडल भाजपा के अध्यक्ष के पद पर आसीन रहे। इसके बाद वह दरभंगा सेंट्रल कापरेटिव बैंक के प्रतिनिधि और इफ्को के सदस्य बने। वर्ष 2003-07 तक श्री ठाकुर पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे। इसके बाद वह प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और प्रदेश सहयोग प्रकोष्ठ के संयोजक निर्वाचित हुये।

वर्ष 2010 में श्री ठाकुर ने बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर विधायक बने। वर्ष 2015 में उन्होंने एक बार फिर बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमायी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री ठाकुर को वर्ष 2019 के आम चुनाव में दरभंगा संसदीय सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने का अवसर मिला। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के दिग्गज नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी को 267979 मतों के भारी अंतर से पराजित कर पहली बार सासंद बनने में सफल रहे।

श्री ठाकुर अपने अबतक के करियर के दौरान समस्तीपुर रेलवे परामर्श दात्री समिति के सदस्य ,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ,दरभंगा और भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय ,मधेपुरा के सीनेट सदस्य भी रह चुके हैं। उनकी शादी चंदू ठाकुर से हुयी है। उनके एक पुत्र और एक पुत्री हैं।

सं प्रेम सूरज

वार्ता

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