दुनियाPosted at: Aug 26 2019 9:22AM जी-7 में रूस की वापसी पर ट्रंप का मतभेद
मास्को, 26 अगस्त (स्पूतनिक) जी-7 समूह में रूस की वापसी के विचार को बढ़ावा देने के प्रयास को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समूह के अन्य नेताओं के साथ मतभेद होने की बात सामने आई है।
गार्जियन अखबार ने यूरोपीय राजनयिक सूत्रों के हवाले से सोमवार को अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है। गौरतलब है कि फ्रांस के बियारिट्ज में जी-7 समूह का शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ है।
इससे पहले एक यूरोपीय सूत्र ने बताया था कि बियारिट्ज में रात्रिभोज के समय जी-7 के नेताओं के बीच समूह में रूस की वापसी को लेकर चर्चा हुई थी लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला।
एक यूरोपीय राजनयिक ने अखबार को बताया, “समूह के अधिकांश नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि वह एक परिवार, एक क्लब और उदार लाकतांत्रिक देशों के एक समुदाय हैं इसलिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को समूह में वापस नहीं बुलाया जा सकता। श्री पुतिन इसका प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।”
सूत्रों के अनुसार केवल इटली के प्रधानमंत्री गउसेप्पे कोंटे ने ट्रंप के इस विचार का समर्थन किया जबकि जापनी प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने तटस्थ रुख अपनाया। समूह के अन्य नेताओं ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया।
श्री ट्रंप ने हाल ही में 2020 के जी-7 शिखर सम्मेलन में रूस को आमंत्रित करने के फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के प्रस्ताव पर सहमति जताई थी। श्री ट्रंप ने कहा था कि रूस को वापस आना चाहिए। कनाडा इस विचार के सख्त विरोध में है। रूसी राष्ट्रपति श्री पुतिन ने इस सप्ताह कहा कि उनका देश जी-7 देशों के साथ किसी भी तरह की बातचीत को उपयोगी मानता है।
वर्ष 1998 से 2014 तक यह समूह जी-8 के नाम से जाना जाता था लेकिन क्रीमिया और यूक्रेन के मुद्दे पर रूस के साथ मतभेद हाेने के परिणामस्वरूप रूस को इससे बाहर जाना पड़ा और फिर यह जी-7 में बदल गया।
प्रियंका.संजय
स्पूतनिक