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जागृत लोकतंत्र के लिए जन-आंदोलन जरूरी: गंगेश मिश्र

जागृत लोकतंत्र के लिए जन-आंदोलन जरूरी: गंगेश मिश्र

दरभंगा 19 जनवरी (वार्ता) विद्वान एवं जाने-माने पत्रकार गंगेश मिश्र ने लोकतंत्र और आंदोलन को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया और कहा कि जागृत लोकतंत्र के लिए जन-आंदोलन जरूरी है और इसीका प्रतिफल है कि आज भी देश में जीवंत लोकतंत्र कायम है लेकिन मूल्यों का संकट उत्त्पन्न हो गया है।

श्री मिश्रा ने बिहार के दरभंगा में ख्यातिलब्ध प्रतिष्ठित पत्रकार राम गोविन्द प्रसाद गुप्ता की 24वीं पुण्यतिथि के अवसर पर ‘भारतीय लोकतंत्र में जन-आंदोलन का महत्व’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में जन-आंदोलन का लम्बा इतिहास रहा है और इससे लोकतंत्र की दशा और दिशा दोनों ही बदली है लेकिन टी-20 अर्थात फटाफट क्रिकेट के युग में होने वाले जन-आंदोलन का लाभ आम आदमी तक नहीं पहुंच पा रहा है। सामाजिक, पारिवारिक मूल्य तेजी से गायब हो रहे है इसलिए बाजारू प्रवृतियों के विरुद्ध आंदोलन होना चाहिए क्योंकि इसी से आंदोलनों का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकेगा।

उन्होंने कहा कि बाजार ने सबको प्रभावित किया है और यही कारण है कि समाज का अंतिम व्यक्ति आज भी वहीं खड़ा है जहां वह गांधी जी के युग में था। आज व्यक्ति स्वार्थलिप्त हो गया है इसलिए जन-आंदोलन असफल साबित हो जाता है। उन्होंने कहा कि जन-आंदोलन को अखबारों ने ही हवा दी है लेकिन बाजारू तत्वों ने इसकी भी धार कुंद कर दिया है। लोगों के पास अखबार पढ़ने का समय नहीं है, समाज के हित में सोचने की फुर्सत नहीं है। नतीजतन आंदोलन खड़ा ही नहीं हो पाता है या फिर होता भी है तो उसका लाभ जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है।

सं सूरज

जारी (वार्ता)

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