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जीना आत्महत्या प्रकरण की जांच कराने की मांग उठी

हल्द्वानी 19 जनवरी (वार्ता) उत्तराखंड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच कर्मी कुन्दन सिंह जीना आत्महत्या प्रकरण में हीरा नगर चौकी पुलिस की विवेचना पर संदेह जताते हुए मृतक के भाई ने मामले की विवेचना अन्य पुलिस अधिकारी को सौंपने की मांग उच्चाधिकारियों से की है।
इस सम्बंध में मृतक के भाई चन्दन सिंह जीना ने नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजने के अलावा प्रदेश सरकार के समाधान पोर्टल में भी शिकायत दर्ज करायी है।
चंदन के अधिवक्ता रमेश चन्द्र पाण्डेय पथिक ने पुलिस अधिकारियों को भेजे गए पत्र की प्रति मंगलवार को यूनीवार्ता से साझा की। श्री जीना ने पत्र के जरिए आला अधिकारियों को अवगत कराया है कि उनके भाई कुन्दन सिंह जीना ने आठ जुलाई 2018 को आत्महत्या की और गवाह की मौजूदगी में पुलिस ने उनकी जेब से सुसाइड नोट बरामद किया जिसमें आत्महत्या के लिए पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के संस्थापक अध्यक्ष बलवंत सिंह चुफाल, अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी तथा एक अन्य व्यक्ति पूरन चन्द्र जोशी को जिम्मेदार ठहराया गया था।
पुलिस ने बरामद हुए सुसाइड नोट के आधार पर अपराध पंजीकृत करने की बात कही लेकिन लिखित सूचना देने के बाद भी मामला दर्ज नहीं किया गया।
इस पर उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) हल्द्वानी की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया और सत्र न्यायालय नैनीताल के समक्ष निगरानी आदेश क्रम में न्यायालय ने थाना हल्द्वानी को मामला दर्ज करने का आदेश दिया। मामला दर्ज होने के बाद हीरा नगर पुलिस चौकी ने जांच आरम्भ की।
विवेचक ने कुछ समय पूर्व उनके(चंदन सिंह जीना) बयान दर्ज करने के बाद एक सादे कागज में यह कहकर उनके दस्तखत करवाये की पंचनामे के अन्य गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी लेकिन गवाहों के बयान दर्ज नहीं किये गये।
यही नहीं, कुछ दिनों पूर्व एक पुलिस कर्मी मृतक की पत्नी हेमा जीना के आवास पहुंचा और मृतक की लेख के कागज यह कहकर ले गया कि इनको सील करेंगे और जो लिफाफा सील कर लाएंगे, उस लिफाफे पर आप दस्तखत करेंगी।
चन्दन ने यह भी संदेह जताया है कि न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज करने के बाद अब पुलिस विवेचना में शिथिलता बरतने के साथ ही प्रभावशाली आरोपियों को बचाने की मंशा से काम कर रही है।
सं.संजय
वार्ता
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