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जन सुनवाई में गंभीरी बांध की सुरक्षा का मामला दूसरे दिन भी गर्माया

चित्तौड़गढ़, 28 (वार्ता) राजस्थान में चित्तौडग़ढ़ जिले के निम्बाहेड़ा उपखंड स्थित एक सीमेंट संयंत्र की खनन एवं विस्फोटक सीमा बढ़ाने के लिए दूसरे दिन हुई जन सुनवाई में भी विस्फोट से जिले के सबसे बड़े गंभीरी बांध की सुरक्षा का मामला गर्माया रहा और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया।
उधर विस्फोटों से हो रहे नुकसान के आंकलन के लिए प्रशासनिक कमेटी बनाने की घोषणा भी की गई। अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कलाल की अध्यक्षता एवं प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों की मौजूदगी में जन सुनवाई की शुरूआत में ही ग्रामीणों ने वर्तमान में किये जा रहे विस्फोट से मांगरोल, टीलाखेड़ा, अरनिया जोशी और शाहबाद में मकानों में दरारें आने एवं विस्फोटों में बढ़ोत्तरी के बाद जिले के सबसे बड़े गंभीरी बांध के क्षतिग्रस्त होने की आशंका जताते हुए जन सुनवाई को निरस्त करने के साथ अधिक खनन की स्वीकृति नहीं देने की मांग कर दी।
सीमेंट उत्पादक जेके सीमेंट की ग्राम मांगरोल एवं टीलाखेड़ा स्थित लाईम स्टोन माईंस की खनन क्षमता बढ़ाने के लिए अपनी बात के समर्थन में ग्रामीणों ने कहा कि चित्तौड़गढ़ दुर्ग को बिरला सीमेंट की खानों में होने वाले विस्फोट से नुकसान को देखते हुए बंद करवा दिया गया जो दुर्ग की हवाई परिधि से तीन पांच किलोमीटर की परिधि में है। ऐसे में यह बांध कैसे सुरक्षित रह पाएगा।
इसके जवाब में जेके के प्रबंधकों ने बताया कि भूमि कंपन की हमने रिपोर्ट बनवाई है जिसके अनुसार केवल तीन सौ मीटर तक ही इन विस्फोटों का कंपन होगा जबकि बांध यहां से तीन किलोमीटर दूर है, इस जवाब पर ग्रामीण उखड़ गये और वहां हंगामा शुरू हो गया।
उल्लेखनीय है कि सीमेंट संयंत्र के लिये खनन कार्य के दौरान विस्फोट करने से आसपास के मकानों और अन्य भवनों को नुकसान पहुंचने की घटनायें होती रही हैं। कम्पनी खनन बढ़ाने का प्रयास कर रही है, लेकिन खनन स्थल से तीन किलोमीटर दूर एक बांध होने से ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। उसी सिलसिले में स्थानीय प्रशासन, ग्रामीण और सीमेंट कम्पनी के प्रबंधन के बीच जनसुनवाई की जा रही है।
व्यास सुनील
वार्ता
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