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जनकल्याणकारी योजनाओं से हो रहा है प्रदेश का चहुंमुखी विकास- गहलोत

जनकल्याणकारी योजनाओं से हो रहा है प्रदेश का चहुंमुखी विकास- गहलोत

जोधपुर 04 जून (वार्ता) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित किया जा रहा हैं जिससे पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में राजस्थान मॉडल स्टेट बनकर उभरा है।

श्री गहलोत रविवार को जोधपुर में 1136 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के लोकार्पण-शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि युवाओं, किसानों, महिलाओ, विद्यार्थियों सहित सभी वर्ग राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का नम्बर एक राज्य बनाना हमारा ध्येय है।

उन्होंने कहा कि आईआईटी, एम्स जैसी प्रतिष्ठित संस्थाएं जिले में स्थापित हुई हैं। इससे युवाओं को पढ़ाई के लिए बाहर जाना नहीं पड़ रहा है। जल्द ही यहां राजीव गांधी फिनटेक युनिवर्सिटी एवं मारवाड़ मेडिकल विश्वविद्यालय बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिले में शानदार आधारभूत ढांचा विकसित किया गया है। इसे सड़क, रेल एवं वायु मार्गों से देश के विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ा गया है। विभिन्न परियोजनाओं से क्षेत्र में जलापूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। सभी क्षेत्रों में हुए उल्लेखनीय विकास से जोधपुर की एक अलग पहचान बनी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यक्रम एवं नीतियों से प्रदेश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में प्रदेश में 96 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहे हैं जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर बड़ी गिरावट आई हैं। जल्द ही 1.35 करोड़ महिलाओं को तीन साल के इंटरनेट डेटायुक्त निःशुल्क स्मार्टफोन चरणबद्ध रूप से दिए जाएंगे। पहले चरण में 40 लाख महिलाओं को निःशुल्क स्मार्टफोन मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि पालनहार योजना के तहत छह लाख बच्चों के लिए सहायता राशि बढ़ाई गई है। प्रदेश में युवाओं को रोजगार देने के लिए 100 मेगा जॉब फेयर आयोजित किए जा रहे हैं। उद्यमी युवाओं के लिए एमएसएमई एक्ट लाया गया है। इसमें उद्योग लगाने के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली जरूरी अनुमतियों में पांच वर्ष की छूट दी गई है।

उन्होंने कहा कि अनुप्रति योजना के तहत 30 हजार बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडेमिक एक्सीलेंस योजना में प्रतिवर्ष 500 मेधावी बच्चों की विदेश में निःशुल्क पढ़ाई का प्रावधान किया गया है। डॉ. अंबेडकर को बडौदा के महाराजा द्वारा पढ़ाई के लिए विदेश भेजा गया था। वह वहां से लौटकर कानूनविद एवं संविधान निर्माता बने। इसी प्रकार ये 500 बच्चे विदेश से लौटकर देश-प्रदेश के विकास में अपना योगदान देंगे।

जोरा

जारी वार्ता

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