माउंटआबू, 10 जून (वार्ता) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने जल, जंगल और जमीन को बचाने के साथ देश की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में आदिवासियों का महत्वपूर्ण योगदान बताते हुए कहा है कि जनजाति क्षेत्र के लोगों को स्वावलंबी एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर मुख्यधारा में लाने के लिए सतत प्रयास जरूरी हैं।
श्री मिश्र ने शनिवार को माउंटआबू राजभवन में कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर की ओर से अनुसूचित जनजाति उप परियोजना के तहत माउंटआबू क्षेत्र के आदिवासी किसानों को मिनी दाल मिल, उन्नत कुक्कुट नस्ल एवं स्टील बीज भंडारण टंकियों का वितरण के अवसर पर यह बात कही।
राज्यपाल ने आबू रोड, पिंडवाड़ा एवं पाली में चयनित किसानों के सशक्तीकरण के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की परियोजना के तहत कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की।
कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति प्रो. बी आर चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा लाभार्थियों का चयन कर कृषि एवं पशुपालन से संबंधित तकनीकियों का प्रशिक्षण निरंतर प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में स्वावलंबन एवं सशक्तीकरण से जुड़ी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय जोधपुर के विशेषाधिकारी डॉ. बनवारी लाल ने जनजातीय क्षेत्र के लोगों के लिए विश्वविद्यालय की पहल पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंदराम जायसवाल सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी- कर्मचारी और जनजाति क्षेत्र के लोग मौजूद थे।
जोरा
वार्ता