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जनजातीय वर्ग के समग्र कल्याण और सम्मान के प्रयासों के परिणाम अब सामने: शिवराज

भोपाल, 30 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातीय वर्ग के समग्र कल्याण के लिए मध्यप्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है। जनजातीय कल्याण के कार्य अभियान के रूप में किए जा रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम भी मिलने लगे हैं।
श्री चौहान आज यहां मंत्रालय में मध्यप्रदेश आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा और कैरियर निर्माण के लिए पूरी सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षा योजना में जेईईई, नीट और क्लेट की परीक्षाओं के साथ एनडीए की परीक्षा की तैयारी की व्यवस्था करने पर भी विचार करेंगे। जेईईई और नीट में जनजातीय वर्ग के 740 विद्यार्थियों के चयन में सफलता भी प्राप्त हुयी है।
इसके अलावा कला-संवर्धन के लिए कलाकारों की कार्यशाला करवाकर प्रतिभाओं को अवसर दिया जाएगा। जनजातीय वर्ग के कलाकारों की कलाकृतियों के लिए जी.आई. टैगिंग के प्रयास भी किए जा रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने जनजातीय समुदाय के हित में बेहतर सेवा कार्य करने वालों को रानी दुर्गावती सम्मान, ठक्कर बापा सम्मान, वीर शंकर शाह रघुनाथ शाह सम्मान, बादल भोई सम्मान, जननायक टंट्या भील सम्मान और जन गण श्याम सम्मान देने की व्यवस्था की है। जनजातीय कला और संस्कृति के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए प्रतिवर्ष राजा संग्राम शाह पुरस्कार भी घोषित किया गया है।
बैठक में जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, वन मंत्री विजय शाह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
केन्द्र सरकार से जनजातीय ग्रामों के एकीकृत विकास के लिए नई योजना स्वीकृत हुई है, जिसमें अधो-संरचना, सामाजिक-आर्थिक सूचकांकों में सुधार, जनजातीय वर्ग के कल्याण और जन-प्रतिनिधियों के क्षमता विकास के कार्य होंगे। मध्यप्रदेश में इस योजना को केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के अभिसरण (कन्वर्जेंस) के माध्यम से लागू किया जाएगा। योजना में ऐसे ग्राम, जिनकी कम से कम 50 प्रतिशत जनसंख्या जनजातीय वर्ग की है और ऐसी जनसंख्या कम से कम 500 है, का चयन कर विभिन्न कार्य किए जाएंगे। कुल 7307 ग्रामों का चयन किया गया है। इसमें केन्द्र से शत-प्रतिशत अनुदान सहायता मिलेगी। प्रथम चरण में 1204 ग्रामों में कार्य होंगे। इन ग्रामों में से प्रदेश में श्रेष्ठ कार्यों के लिए तीन ग्राम चयनित कर 5-5 लाख रूपए के पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर भी सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए तीन ग्रामों का चयन होगा, जिन्हें 10-10 लाख रूपए के पुरस्कार दिए जाएँगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश ने जनजातीय कल्याण के क्षेत्र में इस वर्ष अनेक कदम उठाए हैं। जनजातियों के आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक सशक्तीकरण के लिए नए प्रयास किए गए हैं। उनके सम्मान को भी सुनिश्चित किया गया है। इस क्रम में गत 18 सितम्बर को जबलपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में जनजातीय गौरव राजा रघुनाथ शाह और शंकर शाह के बलिदान दिवस पर विशेष समारोह के साथ ही अनेक जनजातीय कल्याण योजनाएँ प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी, जिनका क्रियान्वयन प्रारंभ किया गया है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में जनजाजीय वर्ग के कल्याण के अभियान का संचालन किया जा रहा है। इसके अच्छे परिणाम भी आने लगे हैं। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर भोपाल में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति जनजातीय गौरव को बढ़ाने में सहायक रही। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस दिन को राष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय भी लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरव कलश यात्रा विभिन्न जिलों से होकर जनजातीय वर्ग की भागीदारी से सम्पन्न हो रही है। जनजातीय वर्ग की उपस्थिति में जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर 4 दिसंबर को इंदौर जिले के पातालपानी में विशेष कार्यक्रम हो रहा है, जो जननायक टंट्या मामा की शहादत का स्थान है। इंदौर के भँवरकुंआ चौराहे और आइएसबीटी बस स्टेण्ड का नामकरण टंट्या मामा भील के नाम पर किया जाएगा। गत वर्ष अनूपपुर और बड़वानी जिलों में जनजातीय गौरव से जुड़े कार्यक्रम हुए हैं।
श्री चौहान ने कहा कि सभी पात्र लोगों को वन भूमि के अधिकार पत्र दिए जाएँ। वनाधिकार के जो आवेदन निरस्त हुए हैं, उनका परीक्षण करवाने का कार्य भी किया जाए। बैठक में वन मंत्री विजय शाह ने इस संबंध में विभाग स्तर पर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
बैठक में बताया गया कि सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार और अनेक तरह की वनोपज का मूल्य जनजातीय समाज को देने का प्रयास इस वर्ग के संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण का कदम है। प्रदेश में पेसा एक्ट को भी चरण-बद्ध तरीके से लागू करने की पहल महत्वपूर्ण है। पेसा वनाधिकार में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने जिला और खंड समन्वयक तथा पेसा मोबलाइजर नियुक्त करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। जनजातीय युवाओं को भी इसका लाभ मिलेगा। शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के लिए जल जीवन मिशन के जरिये प्रत्येक जनजातीय ग्राम में पानी की टंकी का निर्माण और पाइप लाईन बिछा कर घर-घर नल कनेक्शन दिये जाएंगे।
श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय वर्ग में सिकल सेल एनीमिया रोग को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किए जाएँगे। इस मिशन में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच की जाएगी, जिससे इस रोग की रोकथाम के प्रयास संभव होंगे। अभी पायलट आधार पर झाबुआ और अलीराजपुर में इसके कार्यों की शुरूआत की जा रही है। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल द्वारा भी इस संबंध में ध्यान आकर्षित कर महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं।
उन्होंने राजभवन में ट्राइबल सेल के गठन, आदिम जाति अनुसंधान और विकास संस्थान और एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति, आजीविका से जुड़े नए कार्यक्रमों का संचालन, जनजातीय वर्ग के कलाकारों द्वारा निर्मित कलाकृतियों और चित्रों के विक्रय की व्यवस्था के सुझाव भी दिए हैं, जिन पर पृथक-पृथक विभाग और एजेंसियाँ जरूरी कार्यवाही कर रही है।
इस श्रंखला में प्रदेश की गोंड चित्रकला डिण्डौरी, बैगा चित्रकला अनूपपुर, मुखौटा शिल्प चाड़ा-अनूपपुर, पिथौरा चित्रकला भाबरा-अलीराजपुर, पिथौरा चित्रकला कट्ठीवाड़ा, कोरकू चित्रकला बैतूल और कोरकू काष्ठशिल्प टिगरिया-बैतूल की जी.आई. टैगिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। पंजीकृत शिल्पकला उत्पादों की जानकारी वन्या संस्था के आदिरंग पोर्टल पर भी उपलब्ध रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय वर्गों में अनेक प्रतिभाएं हैं। लोक नृत्य, लोक गायन और लोक संगीत का विशेष प्रभाव जनजातीय जीवन में देखने को मिलता है। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के समक्ष 15 नवम्बर को भोपाल के जम्बूरी मैदान में लोक नृत्यों की प्रस्तुति देने आए करीब 700 जनजातीय लोक कलाकारों को उन्होंने अपने निवास पर आमंत्रित किया था। इनमें पद्मश्री सुश्री भूरी बाई और गोंड चित्रकार भज्जू सिंह श्याम भी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कलाकारों को कला प्रदर्शन का अवसर और सम्मान देना हमारा कर्त्तव्य है। मध्यप्रदेश सरकार जनजातीय कलाकारों की कला प्रतिभा का पूरा सम्मान करेगी। इन कलाकारों को भी पद्मश्री और पद्म भूषण की तर्ज पर गरिमामय कार्यक्रमों में पुरस्कृत किया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि परिषद के सदस्यों के सुझाव पर भी अमल किया जा रहा है। इनमें डी.एड एवं बी.एड उत्तीर्ण जनजातीय वर्ग के आवेदकों को सीधी भर्ती के प्रक्रम में 20 प्रतिशत आरक्षण, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों में प्रोत्साहन, सेवा इकाई एवं खुदरा व्यवसाय के लिए एक लाख से 25 लाख रूपये तक की परियोजनाओं और निर्माण इकाइयों के लिए एक लाख से 50 लाख तक की परियोजनाओं में बैंक ऋण का प्रावधान शामिल है।
उन्होंने कहा कि हितग्राहियों को बैंक ऋण पर तीन प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज अनुदान और गारंटी फीस प्रचलित दर से अधिकतम सात वर्ष तक देने का प्रावधान है। जनजातीय वर्ग के कृषकों को जल संसाधन विभाग और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सिंचाई सुविधाएँ प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाई जा रही है। बैकलॉग पदों पर सीधी भर्ती में सहरिया जनजाति के लिए विशेष उपबंध के अनुसार श्योपुर, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, भिण्ड, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर में न्यूनतम अर्हता के बिना नियुक्ति का प्रावधान है।
इसी तरह बैगा जनजाति के लिए मण्डला, डिण्डौरी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट और अनूपपुर और भारिया जनजाति के लिए छिंदवाड़ा और सिवनी में यह प्रावधान किया गया है। बैगा, सहरिया और भारिया जनजाति के आवेदकों के लिए ऐसी सुविधा सीधी, सिंगरौली और अन्य जिलों में भी प्रदान करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। आहार अनुदान योजना का लाभ प्रदेश के 15 जिलों में इन तीनों विशेष पिछड़ी जनजातियों को दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में कुपोषण की समाप्ति के लिए आँगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से निरंतर पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। जनजातीय व्यंजनों के पेटेंट, प्रोत्साहन और संरक्षण के लिए प्रयास किए जाएँगे। आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान ने जनजातीय व्यंजनों, खान-पान और आहार संबंधी आदतों पर केन्द्रित पुस्तक भी प्रकाशित की है।
मंत्रणा परिषद की बैठक में परिषद के सदस्य डॉ. रूपनारायण मांडवे ने मुख्यमंत्री द्वारा जनजातीय समाज के मुद्दों को सर्वोपरि रखते हुए किए गए प्रयासों के लिए विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। डॉ. मांडवे ने कहा कि वे श्री चौहान को जनजातीय समाज की ओर से धन्यवाद देना चाहते हैं क्योंकि उनके प्रयासों से जनजातीय वर्ग को नई ऊर्जा प्राप्त हुई है।
बैठक में बताया गया कि परिषद की पिछली बैठक 23 दिसम्बर 2020 को हुई थी, जिसके 35 बिन्दुओं में से 23 बिन्दुओं पर क्रियान्वयन कर कार्यवाही पूरी कर ली गई है। शेष बिन्दुओं पर सतत् कार्यवाही हो रही है। बैठक के अंत में जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह ने आभार व्यक्त किया।
बघेल
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