चुनावPosted at: Apr 26 2019 5:55PM जनता के मुद्दे उठाने के लिए वाम ताकतों का मजबूत होना जरूरी-करात
पटना 26 अप्रैल (वार्ता) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने आज कहा कि संसद में जब वामदलों की शक्ति मजबूत हुई है तभी देश में गरीब और आम जनता के हित में कानून बने हैं ।
श्रीमती करात ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संसद में जनता के मुद्दों को उठाने के लिए वाम ताकतों का मजबूत होना जरूरी है। संसद में जब वाम दलों की शक्ति मजबूत हुई है तब ही देश में गरीब और आम जनता के हित में कानून बने हैं । उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से 2008 के बीच केंद्र में जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार थी तब देश में बेहतर काम हुए थे लेकिन इसके बाद संप्रग दो और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार में जनता के हित में कोई काम नहीं हुआ ।
माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राजग सरकार को हटाकर केन्द्र में ऐसी सरकार बननी चाहिए जो गरीब, मजदूर, किसान, महिला और युवाओं के हित में काम करें। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी की समस्या बेहद गंभीर है इसलिए केन्द्र में बनने वाली नयी वैकल्पिक सरकार बेरोजगारी दूर करने के लिए कारगर नीति बनाएगी।
श्रीमती करात ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई समेत जनता से जुड़े अन्य मुद्दों को उठाने वाले को आज राष्ट्र विरोधी कहा जा रहा है । उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में युवाओं से झूठा वादा कर सत्ता में आने वाली मोदी सरकार इस बार बेरोजगारी पर बात करने से भाग रही है । मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) सांप्रदायिकता के नाम पर लोगों को भड़काने में लगा है ।
माकपा नेत्री ने कहा कि देशभर में तीन चरण के चुनाव से संकेत मिल गया है कि भाजपा की जमीन खिसक चुकी है और अब वह दोबारा सत्ता में आने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चुनावी भाषण में विपक्ष पर जहर उगल रहे हैं।
शिवा सूरज
वार्ता