राज्यPosted at: Sep 23 2018 9:05PM जम्मू कश्मीर में 90:10 के अनुपात से होगा बीमा योजना के तहत भुगतानश्रीनगर ,23 सितंबर (वार्ता) जम्मू-कश्मीर और केंद्र सरकार आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत नब्बे-दस के अनुपात से प्रीमियम का भुगतान साझा करेंगे। बीमा योजना अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चे का भुगतान करेगी। सभी राज्यों और अपनी विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेश में खर्चे का भुगतान केंद्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में करेगी, पूर्वोत्तर के राज्य और तीन हिमालयी राज्य जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड में 90:10 के अनुपात में और बिना विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेश को सौ प्रतिशत राशि का भुगतान केंद्र सरकार करेगी।अब तक चौदह राज्यों ने केंद्र के साथ समझौता किया है। इनमें से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, असम, सिक्किम और चंडीगढ़ योजना के लिए ट्रस्ट मॉडल का प्रयोग करेगा। ट्रस्ट मॉडल में सरकार द्वारा बिलों का भुगतान सीधे तौर पर होगा। गुजरात और तमिलनाडु ने मिला-जुला विकल्प चुना है। एक इश्योरेंस मॉडल में अस्पताल को भुगतान करने वाली को सरकार तय भुगतान करेगी। प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने इस योजना को रविवार को झारखंड की राजधानी रांची से औपचारिक तौर से लॉन्च किया है।आयुष्मान भारत विश्व की सबसे बड़ी सरकारी निधिबद्ध स्वास्थ्य सेवा योजना है जिसका उद्देश्य पूरे देश में 50 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाना है। सरकार द्वारा प्रयोजित स्वास्थ्य बीमा योजना एक परिवार को पांच लाख रुपए निशुल्क स्वास्थ्य सहायता पूरे भारत में किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में मुहैया कराएगी।सामाजिक-आर्थिक जाति गणना (एसईसीसी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, यह योजना गरीबों, पिछड़े ग्रामीण परिवार और चिन्हित शहरी कर्मचारियों के व्यवसायिक परिवार, 8.03 करोड़ ग्रामीण और 2.33 करोड़ शहरी क्षेत्रों को लक्षित करेगी। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य सचिव बी.वी.आर सुब्रमण्यम आज आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन अरोग्य अभियान योजना (पीएमजेएवाई) के लॉन्च के सीधे प्रसारण के दौरान श्रीनगर के एस के इंटरनेशन कांफ्रेंस सेंटर(एकेआईसीसी) में उपस्थित रहे।स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के मुख्य सचिव अटल डुल्लो, जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक भूपिंदर कुमार, आईएसएम के महानिदेशक डॉ. अब्दुल कबीर और अन्य सरकारी पदाधिकारी, डॉक्टर और मेडिकल छात्र भी एकेआईसीसी में उपस्थित रहे।रमेश जितेन्द्रवार्ता