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जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ पंजाब में प्रदर्शन

चंडीगढ़, 15 सितंबर (वार्ता) जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ किसानों, मजदूरों, छात्रों, अध्यापकों और नौजवानों ने आज विभिन्न जनवादी संगठनों के आहवान पर आज पंजाब भर में जगह-जगह प्रदर्शन किये गये और कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
पिछली पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35ए हटाकर जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था। इस फैसले के साथ ही राज्य में सड़क से लेकर संचार (इंटरनेट, मोबाईल फोन व लैंडलाइन फोन) सेवाएं बंद कर दी थीं। इस बीच हालांकि लैंडलाइन सेवाएं कई स्थानों पर शुरू किये जाने का दावा किया गया है।
लगभग 15 संगठनों की मिलकर बनाई कश्मीरी कौमी संघर्ष समर्थन समिति के बैनर तले पिछले पंद्रह दिनों से कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले के विरोध में प्रदेश भर में प्रदर्शन कर रहे थे जिसका समापन आज चंडीगढ़ में रैली के रूप में होने वाला था। संगठनों की पंजाब के राज्यपाल को अपनी मांगों का ज्ञापन देने की भी योजना थी लेकिन पंजाब सरकार ने कल रात रैली को बैन करने का फैसला किया जिसके बाद रैली में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ के लिए निकले लोगों को जगह-जगह बैरीकेड लगाकर रोका गया इसके विरोध में कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गये। नतीजतन, लुधियाना, संगरूर, पटियाला, बरनाला, मोहाली समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए।
चंडीगढ़ से सटे मोहाली में नौजवान भारत सभा और पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन (ललकार) के कुछ सदस्यों काे हिरासत में लिये जाने की भी सूचना है। कुछ और स्थानों पर भी लोगों को हिरासत में लिये जाने की सूचना है।
समिति में शामिल संगठनों में भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां), पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन (ललकार), किसान संघर्ष कमेटी, पंजाब, नौजवान भारत सभा, पंजाब खेत मजदूर यूनियन, पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन (शहीद रंधावा), कारखाना मजदूर यूनियन, मोल्डर एंड स्टील मजदूर यूनियन, टेक्सटाईल होजरी कामगार यूनियन, पेंडू मजदूर यूनियन (मशाल) आदि शामिल हैं।
इनकी मांगों में अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने और राज्य को बांटने के फैसले को वापस लेने, जम्मू एवं कश्मीर की जनता को आत्मनिर्णय का अधिकार देने और जनमत संग्रह करवाने, क्षेत्र से सारी पाबंदियां हटाने और गिरफ्तार लोगों को रिहा करने, राज्य से अफस्पा कानून हटाने और फौजों को वापस बुलाने की मांग शामिल हैं।
सं महेश विजय
वार्ता
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