राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Feb 25 2021 10:00PM झारखंड के अस्तित्व की लड़ाई लड़ने वाले आंदोलनकारियों को नज़रअंदाज नहीं कर सकते : हेमन्तरांची, 25 फरवरी (वार्ता) झारखंड राज्य अलग होने के 20 साल बाद अब अलग राज्य के निर्माण के लिए आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों या उनके परिवार के एक सदस्य को राज्य सरकार ने तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की सरकारी नौकरियों में शैक्षणिक योग्यता अनुसार सीधी भर्ती देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरूवार को यहां राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सीधी भर्ती लिए सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन भी किया जायेगा। आयोग प्राप्त आवेदनों के आधार पर दस्तावेजों की जांच कर आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को चिन्हित करेगा। राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए नियमानुसार अलग झारखण्ड राज्य की मांग करने वाले शहीद आंदोलनकारियों के आश्रितों को अब सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती दी जाएगी। साथ ही, पुलिस की गोली से घायल 40 प्रतिशत तक दिव्यांग हुए आंदोलनकारियों के परिवार के एक सदस्य को भी इसका लाभ दिया जाएगा।विनय सतीशजारी वार्ता