दुनियाPosted at: Jul 21 2019 10:06AM टैंकर जब्ती मामले में रूस की भागीदारी की जांच कर रहा है ब्रिटेन
मास्को, 21 जुलाई (स्पूतनिक) ब्रिटेन के खुफिया और सुरक्षा संगठन गर्वनमेंट कम्युनेकेशंस हेडक्वाटर्स (जीसीएचक्यू) और एमआई6 होर्मुज जलडमरूमध्य में ब्रिटेन के तेल टैंकर के ईरान के जब्त करने में रूस की संभावित भागीदारी की जांच कर रहे हैं।
संडे मिरर अखबार ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि ऐसी आशंका है कि ईरान ने रूस की ‘जासूसी तकनीक’ के इस्तेमाल से गलत जीपीएस सिग्नल भेजकर स्टेना इम्पेरो टैंकर को भटकाया हो। एेसी आशंका है कि ईरान के मानव रहित हवाई वाहनों ने जीपीएस सिग्नल के साथ छेड़छाड़ की होगी।
एक सुरक्षा सूत्र ने संडे मिरर को बताया, “रूस के पास गलत जीपीएस सिग्नल भेजने की तकनीक है और ऐसा हो सकता है कि उसने इस संबंध में ईरान की मदद की हो। इससे ब्रिटिश शिपिंग बहुत कमजोर हो जाएगा और यह क्षेत्र में रॉयल नेवी के युद्धपोतों के लिए बहुत चिंता की बात है।”
अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस घटना में रूस की संभावित भागीदारी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अनुमति से ही हो सकती है।
गौरतबल है कि ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर ने शुक्रवार को हार्मुज जलडमरूमध्य में अंतरराष्ट्रीय कानून का कथित तौर पर उल्लंघन करने के मामले में ब्रिटेन के स्टेना इम्पेरो टैंकर को जब्त कर ईरानी बंदरगाह ले गये। टैंकर पर चालक दल के 23 सदस्य सवार थे।
इससे पहले ब्रिटेन ने चार जुलाई को इस आधार पर एक ईरानी टैंकर को हिरासत में लेने में मदद की थी कि वह यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए सीरिया में तेल ले जा रहा था।
प्रियंका.संजय
स्पूतनिक